मेक इन इंडिया का असर! चीन को हुआ ऐतिहासिक नुकसान, दीवालिया हुईं सैकड़ों कम्पनियां

चीनी सामानपेइचिंग भारत में व्यापक स्तर पर हुए चीनी सामान के विरोध का असर देखने को मिला है| पिछले एक साल में चीन में काम कर रही लगभग 110 संस्थाएं दीवालिया हुईं हैं| हालांकि इनमें अधिकतर जापान की संस्थाएं हैं लेकिन फिर भी चीन के बाजार के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है| इन संस्थाओं में बने प्रोडक्ट्स का एक बड़ा हिस्सा चीन के रास्ते भारत आता था|

चीनी सामान का विरोध रंग लाया

हॉन्ग-कॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपने एक आर्टिकल में बताया है कि तोक्यो शोको रीसर्च की रिपोर्ट में चीन के बाजार में हुई इस उथल पुथल का जिक्र किया गया है| इन दिक्कतों को ‘चाइना रिस्क’ का नाम दिया गया है|

रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन में उत्पादन लागत लगातार बढ़ती जा रही है| इतना ही नहीं, वैश्विक स्तर पर बढ़ते राजनीतिक तनाव को इन जापानी कंपनियों के दिवालिया होने का मुख्य कारण बताया गया है| दुनिया जानती है कि चीन और भारत के बीच पाकिस्तान को लेकर तनतनी अपने चरम पर है| इसलिए भारत के लिहाज से इसे बड़ी जीत के तौर भी देखा जा रहा है|

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2014 में जहाँ 101 जापानी फर्म दिवालिया हुईं थी वहीं अब यह संख्या बढ़कर 110 पर पहुंच गई है। इनके दीवालिया होने से 1,638 नौकरियां भी चली गई हैं। इस उलटफेर का सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल फर्मों पर पड़ा है|

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