चाय की दुकान में लौटी रौनक, डिजिटल इंडिया ने किया मोदी का काम आसान
लखनऊ। सूबे के नवाबों के शहर में चाय के शौकीन लोगों के में शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जिसे शर्मा की चाय की दुकान पता न हो। लखनऊ के लाल बाग इलाके में शर्मा की चाय पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां आने वाले शौकीन लोगों का कहना है कि यहां की चाय में जो बात है वह कहीं और नहीं। चाय, बन-मक्खन और समोसे के लिए लाइन लगाने वाले लोगों को उस समय बड़ी दिक्कत हो गई जब नोट बंदी की वजह से उनकी जेबें खाली हो गई।
शर्मा चाय दुकान के मालिक दीपक शर्मा तब खासे परेशान हो गए जब लोग चाय, बन-मक्खन के बदले उन्हें 500 का पुराना नोट देने की कोशिश करने लगे।
पुराने नोट लें तो मुश्किल और ना लें तो मुश्किल। दुकान के मालिक दीपक शर्मा बताते हैं कि सालों पुरानी इस मशहूर दुकान पर कभी ऐसा नहीं हुआ जब ग्राहक मायूस होकर लौटे हों। उन से पहले दुकान चलाने वाले उनके स्वर्गीय पिता ने भी यही बात सिखाई थी कि ग्राहक भगवान की तरह होता है और उसे दुखी करके लौटाना ठीक नहीं।
लेकिन शर्मा जी की समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसे में करें तो क्या करें। तभी दीपक शर्मा के बेटे मानव को याद आया कि कुछ महीनों पहले एक व्यक्ति paytm का कार्ड बनाकर दुकान पर दे गया था और उसने बताया था कि इससे पैसों का लेनदेन आसानी से हो सकता है। लेकिन तब यह कार्ड किसी ने इस्तेमाल नहीं किया था।
मानव ने जब अपनी दुकान में खोजबीन की तो उसे धूल में लिपटा हुआ प्लास्टिक स्टैंड पर बना Paytm का वह कार्ड मिल गया जिसमें बार कोड बना हुआ था। मानव ने जब अपने पिताजी को बताया कि इसके जरिए वह बिना खुले पैसे की चिंता किए हुए आसानी से पैसे ले सकते हैं तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ।
पहले उन्हें चिंता हुई की Paytm में गए पैसे बैंक में कैसे आएंगे। लेकिन जब उन्होंने पूछताछ की तो पता चला यह ज्यादा मुश्किल नहीं है। बस फिर क्या था शर्मा की चाय दुकान पर Paytm कार्ड लग गया। शुरुआत इक्का-दुक्का लोगों से हुई फिर उनकी देखा-देखी कई लोगों ने paytm से पैसे देना शुरु कर दिया।
शर्मा जी की चाय दुकान पर अब रौनक लौट आई है। दोस्तों के साथ चाय पीने आए आशीष हंसते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी खुद चाय बेचते थे और अब उनकी एक वजह से उन लोगों को Paytm से चाय पीनी पड़ रही है। लेकिन अगर इससे काला धन रूकता है तो इसका स्वागत है।