चाणक्य नीति
आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाला दूस्त कभी आपका अपना नहीं हो सकता है। वह उस बर्तन की तरह है जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा होता है और अंदर से जहर भरा होता है।
आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाला दूस्त कभी आपका अपना नहीं हो सकता है। वह उस बर्तन की तरह है जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा होता है और अंदर से जहर भरा होता है।