चर्चाओं ने पकड़ा जोर, पाकिस्तान छोड़कर भागने की तैयारी में नवाज शरीफ !

नवाज शरीफ इस्लामाबादः पाकिस्तान में लोकतंत्र से बनी सरकार पर समय समय पर किसी न किसी बहाने बुरी नजर लगती रही है। मौजूदा दौर में भी पाक में कुछ ऐसे ही हालात बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामागेट मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। इससे पहले कि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ सजा सुनाए, वो बीमारी के बहाने से देश छोड़कर भागना चाहते हैं।

पाकिस्तान में इस तरह की चर्चाएं तेज हो गईं हैं।  इस बीच पाकिस्तान सरकार ने विरोध पक्ष के आरोपों और कयासों को खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि नवाज शरीफ की किडनी में स्टोन है और वो इसका इलाज करा रहे हैं।

बता दें कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने आरोप लगाया था कि नवाज शरीफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा पनामागेट स्कैम में दोषी ठहराए जाने के डर से विदेश भाग सकते हैं।

एक न्‍यूज ऐजेंसी ने आरोप लगाया था कि नवाज इलाज का बहाना बनाकर विदेश चले जाएंगे और वहां से फिर नहीं लौटेंगे। अपोजिशन ने सुप्रीम कोर्ट से ये भी मांग की थी कि जब तक पनामागेट मामले की सजा पूरी नहीं हो जाती तब तक नवाज के विदेश जाने पर नजर रखी जाए।

नवाज की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने मामला बढ़ता देख बुधवार शाम सफाई दी। बता दें कि पिछले साल भी नवाज शरीफ ओपन हार्ट सर्जरी के लिए लंदन गए थे और काफी वक्त तक वहां रहे थे।

क्या है पनामागेट और नवाज फैमिली पर आरोप?

पनामागेट स्कैम का खुलासा पिछले साल हुआ था। भारत के भी कई लोगों नाम भी इस स्कैम में सामने आए थे। इनमें से कुछ के खिलाफ जांच भी हुई। आरोप है कि नवाज शरीफ और उनकी फैमिली ने फर्जी कंपनियां बनाकर विदेश में करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी बनाई। शरीफ की बेटी मरियम और उनके बेटे हुसैन के खिलाफ अपोजिशन ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत भी पेश किए थे।

खास बात ये है कि जैसे ही ये मामला सामने आया था, उसी दौरान नवाज नवाज सर्जरी के लिए लंदन चले गए थे। उस दौरान उनकी पूरी फैमिली साथ थी।

सुप्रीम कोर्ट सियासी तौर पर बेहद अहम इस मामले की सुनवाई फरवरी में ही पूरी कर चुका है। हालांकि, उसने फैसला अब तक नहीं सुनाया और इसे सुरक्षित रखा है। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश में हालात बिगड़ सकते हैं।

अपोजिशन सरकार के खिलाफ एकजुट हो सकता है। माना जा रहा है कि इस महीने के दूसरे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है। पांच जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। इसमें चीफ जस्टिस भी शामिल थे।

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