वो 13 खूंखार डकैत जिनके नाम से थर्राती थी चम्बल घाटी

चम्बल के डकैतोंचम्बल घाटी का जिक्र महाभारत काल से होता आ रहा है. इस चम्बल घाटी ने बगावत को हमेशा से सराहा है. इस घाटी ने कई डकैतों को पनाह दी है. जब भी डकैत शब्द जुबान पर आता है, इस घाटी का नाम जेहन में आ ही जाता है. चम्बल ने डकैतों को अपने बच्चे की तरह पाला है. कभी सामन्तवादी व्यवस्था से परेशान होकर लोगों ने खुद को बागी घोषित कर दिया था. तबसे लेकर आज तक डकैती और लूटपाट की ये परंपरा बरकरार है. चम्बल के डकैतों से सरकार भी डरती थी.

वैसे तो इस इलाके में कई बड़े-बड़े अपराधी पैदा हुए लेकिन इनमें से कुछ के किस्से आज भी सबकी जुबान पर रहते हैं. ऐसे ही 13 मशहूर डकैतों से आज हम आपका सामना कराएँगे. अंग्रेजों का शासन हो या आजाद भारत में सरकार के खिलाफ बगावत, इनके नाम से पूरा इलाका कांपता था.

चम्बल के डकैतों की लिस्ट

पान सिंह तोमर

पान सिंह तोमर पर फिल्म भी बन चुकी है. इस फिल्म में पान सिंह की पूरी दास्तां दिखाई है. तोमर के डकैत बनने की वजह जमीन विवाद था. जब तोमर अपने गांव पहुंचा, तो उसका विवाद बाबू सिंह के साथ हो गया, जिसने उसकी 95 वर्षीय मां के साथ मारपीट की थी. तोमर ने बाबू सिंह की हत्या कर दी और खुद को बागी घोषित कर दिया. 60 सदस्यीय पुलिस दल के साथ हुई मुठभेड़ में पान सिंह तोमर अपने 10 साथियों के साथ मारा गया.

डकैत बनने से पहले तोमर रुड़की स्थित बंगाल इजीनियर्स में सुबेदार के पद पर तैनात था. बाद में उसका चयन भारतीय सेना के लिए हो गया, जहां उसका झुकाव खेलों के प्रति था. पान सिंह तोमर सात सालों तक लंबी बाधा दौड़ में राष्ट्रीय चैम्पियन रहा. 3 हजार मीटर के बाधा दौड़ को 9 मिनट और 4 सेकेन्ड में पूरा करने का रिकॉर्ड 10 सालों तक कोई नहीं तोड़ सका था.

फूलन देवी

चम्बल की रानी का जिक्र न हो तो ये लिस्ट अधूरी रह जाएगी. मल्लाह परिवार में जन्मी फूलन की शादी उससे 12 वर्ष बड़े व्यक्ति कर दी गई थी. फूलन के पति ने उन्हें साथ रखने से मना कर दिया और एक बार फिर पिता के घर वापस भेज दिया. अपमानित फूलन डकैतों से जुड़ गई और उनके साथ मिल कर अपने पति को मार दिया. एक मुठभेड़ के दौरान फूलन को बंदी बना लिया गया और तीन सप्ताह तक कई लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया. फूलन देवी ने इसका बदला 22 ठाकुरों को गोली मार कर लिया. साल 1983 में फूलन ने समर्पण कर दिया. उसके बाद साल 1996 में फूलन देवी राजनीति से जुड़ गईं. साल 2001 की 25 जुलाई को दिल्ली में तीन लोगों ने फूलन की गोली मार कर हत्या कर दी थी.

मान सिंह

डकैत मान सिंह देश की आजादी से पहले और बाद भी मशहूर था. राठौड़ राजपूतों के घराने के चिराग ने अपने पुत्रों, भाई और भतीजों के साथ चम्बल के इलाके पर एकछत्र राज किया. साल 1935 से 1955 के बीच मान सिंह ने 1, 112 डकैतियों की वारदातों को अंजाम दिया. मानसिंह ने 182 हत्याएं की, जिनमें 32 पुलिस अधिकारी थे. साल 1955 में सेना के जवानों ने मानसिंह और उसके पुत्र सुबेदार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी.

मान सिंह को स्थानीय लोग रॉबिनहुड मानते थे. अमीरों को लूट कर धन गरीबों में बांट दिया करता था. यहां के खेरा राठौड़ इलाके में मान सिंह का एक मंदिर है.

मलखान सिंह

मलखान सिंह पर गांव के सरपंच ने आरोप लगाया था कि उसने मंदिर की जमीन हड़प ली. मलखान ने इसका विरोध किया. इसके बाद सरपंच ने उसे गिरफ्तार करवा दिया और दोस्त को मौत के घाट उतरवा दिया. इसके बाद मलखान ने बंदूक उठा ली.

1982 में मलखान ने अपने गिरोह के साथियों के साथ मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसर्मपण कर दिया.  मलखान और उसके साथियों का सुधरने का मौका दिया गया, जिसके तहत जमीन दी गई. मलखान ने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की. मलखान ने भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. साथ ही उसने यह भी कहा कि वह कांग्रेस के राज में डकैत बनने के लिए बाध्य हुआ था.

सीमा परिहार

सीमा परिहार का जन्म उत्तर प्रदेश के एक गरीब ठाकुर परिवार में हुआ था. 1983 में 13 वर्ष की उम्र में डकैत लाला राम और कुसुमा नाईन ने उसे किडनैप कर लिया था. सीमा परिहार ने 70 लोगों की हत्याएं की और 200 लोगों का अपहरण किया. 30 से अधिक घरों में डकैती की वारदातों को अंजाम दिया था. साल 2000 में उसने उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

सीमा ने 2002 में उत्तर प्रदेश के चुनावों में शिव सेना का समर्थन किया था. साल 2008 के सीमा ने अपनी नई लोक जनशक्ति पार्टी शुरू की. बाद में समाजवादी पार्टी का से जुड़ गई. सीमा ने मशहूर रियलिटी शो बिग बॉस का हिस्सा रह चुकी हैं.

ददुआ

शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लेने के लिए 16 मई 1978 को पहली हत्या की थी. इस घटना के एक घंटे बाद ही उसे पुलिस गिरफ्तार कर ले गई. जेल से छूटने के बाद ददुआ राजा रगोली के गिरोह में शामिल हो गया. 9 अन्य लोगों की हत्या की थी. 22 जुलाई 2007 को ददुआ अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

पुतली बाई

पुतली बाई को इस देश की पहली महिला डकैत माना जाता है. पुतली बाई एक डांसर थी, जिसका अपहरण सुल्ताना डाकू ने कर लिया था. पुतली बाई को सुल्ताना से प्रेम हो गया और उसने दो बच्चों को जन्म दिया. सुल्ताना को फांसी की सजा दी गई. इसके बाद पुतलीबाई ने गिरोह की कमान अपने हाथ में ले ली. तीन सालों तक चम्बल पर राज किया.  दतिया गांव के 11 लोगों की एक साथ हत्या और 5 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया. एक मुठभेड़ में पुतली बाई अपने प्रेमी कल्ला गुर्जर के साथ मारी गई थीं.

रामबाबू और दयाराम गडडिया

रामबाबू और दयाराम गडडिया भाई थे. मध्यप्रदेश की पुलिस ने उनके गिरोह को T1 – Target One – का नाम दिया था. इस गिरोह 1997 और 1998 में रघुबीर गडडिया ने बनाया था.

रघुबीर की पत्नी किसी अन्य व्यक्ति के भाग गई थी. रघुबीर ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी. अपने भतीजों रामबाबू, दयाराम, विजय, प्रताप और गोपाल के साथ मिलकर एक गिरोह बनाया. साल 1999 में गोली लगने की वजह से रघुबीर की मौत हो गई.

उसकी मौत के बाद इस गिरोह के कई मेम्बर पुलिस के हाथ आएं. साल 2006 अगस्त में एक मुठभेड़ के दौरान दयाराम और 2007 में रामबाबू एक मुठभेड़ के दौरान मारा गया.

सुल्ताना डाकू

1920 के दशक में उत्तर प्रदेश में सुल्ताना डाकू का खौफ था. सुल्ताना का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. सुल्ताना के बारे में कई किस्से हैं. सुल्ताना अंग्रेजों के खिलाफ था. उसे स्थानीय लोग प्यार करते थे. कुछ सालों बाद उसे पकड़ लिया गया. 7 जुलाई 1924 को फांसी दी गई.

निर्भय गुज्जर

40 गावों में निर्भय सिंह गुज्जर का राज था. सरकार ने 2.5 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था. 8 नवंबर 2005 को पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में गुज्जर मारा गया. गुज्जर के गैंग में दस्यु सुंदरियां जैसे सीमा परिहार (बिग बॉस फेम), मुन्नी पांडे, पार्वती उर्फ चमको, सरला जाटव और नीलम थीं. इन लड़कियों का अपहरण किया गया था और बाद में ये गिरोह की मेम्बर बन गई थीं. गुज्जर ने चार शादियां की थीं.

अनीसा बेगम

अनीसा बेगम हर तरह के हथियार चला लेती थी. अनीसा बेगम ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के इलाकों में कई डकैतियों को अंजाम दिया. इनके नाम से पुलिस कांपती थी.

सरला जाटव

निर्भय सिंह गुज्जर की मौत के बाद सरला जाटव ने गिरोह की कमान संभाली थी. 11 साल की उम्र में ही सरला का अपहरण निर्भय ने कर लिया था. निर्भय ने सरला की शादी 16-साल की आयु के श्याम जाटव से करा दी. जीन्स और रे-बैन गॉगल्स की शौकीन सरला को पुलिस के मुखबिरों ने पहचान लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.

जगजीवन परिहार

उत्तर प्रदेश के कोरेला गांव में जगजीवन परिहार ने एक ब्राह्मण परिवार के मुखिया की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद वह डकैत सलीम गुर्जर के गिरोह में शामिल हो गया. कुछ दिनों बाद उसने अपना गिरोह बना लिया. जगजीवन ने कसम खाई थी कि  वह अपने जीवनकाल में 101 लोगों की हत्या करेगा. साल 2007  के मार्च महीने में एक मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने परिहार को मार दिया.

 

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