चप्पल और धोती-कुर्ता पहने बुज़ुर्ग को उसके पहनावे की वजह से TTE ने उतार दिया शताब्दी ट्रेन से ! देखें क्या हुआ…

साल 1893 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतार दिया गया था क्योंकि वो अश्वेत थे.

आजादी के 70 साल बाद भी ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश में हुआ जहां पैरों में हवाई चप्पल और बदन पर धोती-कुर्ता होने की वजह से एक बुजुर्ग शख्स को टीटीई ने ट्रेन में यात्रा नहीं करने दी.

आजादी के इतने वर्षों बाद भी क्या किसी को अपने पहनावे की वजह से ट्रेन में यात्रा करने से रोका जा सकता है?

ऐसा हुआ यूपी के इटावा में जहां एक व्यक्ति को शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा करने से सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उसने धोती-कुर्ता पहन रखा था और देखने से गरीब लग रहा था.

इटावा में शताब्दी एक्सप्रेस के टीटीई पर बुजुर्ग को ट्रेन से उतारने का आरोप है. ट्रेन छूटने के बाद पीड़ित यात्री ने रेल थाने में इसकी शिकायत दर्ज करा दी.

 

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दरअसल, यह वाकया गुरुवार की सुबह का है जब इटावा स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस आकर खड़ी हुई तो रामअवध दास उसमें गाजियाबाद जाने के लिए सवार हो गए.

लेकिन कथित तौर पर उनके पहनावे को देखकर टीटीई ने उन्हें ट्रेन से बाहर निकाल दिया. शताब्दी एक्सप्रेस के C-2 कोच में कन्फर्म टिकट होने के बावजूद भी ट्रेन से उतारे जाने के बाद रामअवध दास ने रेल थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई.

वहीं इस घटना को लेकर इटावा के रेलवे स्टेशन मास्टर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. टीटीई के इस बुरे व्यवहार की वजह से रामअवध दास को दूसरी ट्रेन की जनरल कोच में यात्रा करनी पड़ी और वो काफी तकलीफ के बाद गाजियाबाद पहुंचे.

टीटीई पर आरोप है कि उन्होंने 72 साल के वृद्ध रामअवध दास को सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतार दिया क्योंकि वो साधारण कद-काठी के थे और देखने से गरीब लग रहे थे. वो धोती-कुर्ता पहने हुए थे और उनके पैरों में हवाई चप्पल थी.

 

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