घर से भागे प्रेमियों का आसरा है ये मंदिर, महाभारत काल से है इसका संबंध

हमारे देश में हजारों मन्दिर हैं, जिनकी मान्यताएं भी अलग-अलग है. हर मन्दिर की अपनी दिलचस्प और रहस्यमयी कहानी है. हिमाचल प्रदेश घूमने की हसीन जगहों के साथ मंदिरों के लिए भी बहुत मशहूर है। हिमाचल में लगभग 2 हजार मंदिर हैं. कुल्‍लू का शंगचुल महादेव मंदिर भी इन्‍हीं में से एक है, जिसका संबंध महाभारत काल से है। यह मंदिर कुल्लू की सेंज वैली में बसा है। शांघड़ गांव में पांडव काल की कई ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद हैं। इन्‍हीं में से एक शंगचुल महादेव मंदिर है. इस मंदिर की खास बात हैरान कर देगी।

पांडवों से संबंध

ऐसा कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां कुछ समय के लिए रुके थे। कौरव उनका पीछा करते हुए यहां आ गए। लेकिन तब शंगचूल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि यह मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरी शरण में आएगा उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता। महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। शंगचुल महादेव मंदिर का सीमा क्षेत्र करीब 100 बीघा मैदान तक फैला है। इस मंदिर में घर से भागे प्रेमियों को आश्रय मिलता है।मंदिर की सीमा में किसी भी जाति का प्रेमी युगल अगर पहुंच जाए तो उनको कोई कुछ कह नहीं सकता। ऐसा कहा जाता है कि जब तक वे इस मंदिर की सीमा रहते हैं, उनको कोई कुछ कह नहीं सकता है। घर के सदस्य भी कुछ नहीं कह सकते।

इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है। यहां के नियम भी बहुत सख्‍त हैं। यहां शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान नहीं ला सकते। साथ ही गांव में हथियार लेकर प्रवेश करना भी निषेध। गांव में लड़ाई झगड़ा ही नहीं, ऊंची आवाज में बात करना भी मना है। यहां के लोग देवता को बहुत मानते हैं और उनके फैसले का पूरी तरह पालन करते हैं।

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