घर में शनि देव की मूर्ति न रखने के पीछे क्या है पौराणिक मान्यता? जानिए

हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का खास महत्व है। शनिवार के दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय किए जाते हैं. शनि देव जिन पर प्रसन्न होते हैं उनके किसी भी काम में कभी भी बाधा नहीं आती है।

भगवान की पूजा के लिए लोग अपने घरों में अमूमन सभी देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं। आमतौर पर घर के पूजा मंदिर (Puja Mandir) या पूजन स्थल पर भगवान गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, मां दुर्गा, राधा-कृष्ण इत्यादि की मूर्तियां रखी जाती हैं और रोजाना उनकी पूजा की जाती है। लेकिन घर में मां दुर्गा की कालरात्रि स्वरूप की मूर्ति, भैरवनाथ की मूर्ति और शनि देव (Shani Dev) की मूर्ति नहीं रखी जाती है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर क्या कारण है कि घर में शनि देव की मूर्ति नहीं रखी जाती है।

शनिवार के दिन शनि की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन इनकी पूजा के कुछ खास नियम हैं। पूजा के लिए लोग आमतौर पर अपने घरों में सभी देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं लेकिन घर में शनि देव की मूर्ति रखना वर्जित माना जाता है। आइए जानें कि आखिर ऐसी क्या वजह है जो शनिदेव की मूर्ति को घर के मंदिर में रखना शुभ नहीं माना जाता है।

शनि देव की पूजा में रखा जाता है इन बातों का विशेष ध्यान

-कहा जाता है कि मंदिर में पूजा करते वक्त शनि देव की दृष्टि की ओर नहीं देखनी चाहिए।

-मंदिर में शनि देव की मूर्ति के बुल्कुल सामने खड़ होकर या उनकी आंखों में आंखें डालकर दर्शन नहीं किए जाते हैं।

-शनिवार को पीपल के पेड़ के पेड़ पर या शनि देव की मूर्ति के पास चढ़ाकर उसे गरीबों में दान कर दिया जाता है. शनि देव के तेल अर्पित करते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता है कि तेल इधर-उधर ना गिरे।

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