घने जंगलों से लेकर इंडोनेशिया के मंदिरों तक इन रूपों में विराजमान हैं गणपति बप्पा…

आज सोमवार का दिन हैं और आज वही इस सोमवार के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा हैं. देखा जाये तो पुरे भारत में इस पर्व को बड़े ही हर्षो – उल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं।

 

 

 

देखा जाये तो हर तरफ गणेश चतुर्थी की धूम मची हैं।  वहीं शहर हो या गाँव हर तरफ गणपति नज़र आ रहे हैं। जहां बस्तर के घने जंगलों के बीच शांति, शीतल वातावरण के बीच उंचे पहाड़ पर ये गणपति विराजते हैं। गणेश की यह मूर्ती लगभग 1100 साल पुरानी है। माना जाता है कि वर्षों पहले नागवंशियों के काल में गणपति की इस मूर्ती को जंगल के 14 किलोमीटर अंदर ढोल के आकार में बनी एक पहाड़ी पर स्थापित किया गया था। तभी से यहां उनकी पूजा होती आ रही है।

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