एक ही परिवार की इन आठ बेटियों ने कायम की मिसाल, अलग-अलग क्षेत्रों में जीत लिया ‘दंगल’

गोरखपुर की आठ बेटियांगोरखपुर। वैसी तो आज बेटियों को बराबरी का अधिकार दिया जा रहा है। हर क्षेत्र में आज बेटियां अपना नाम रोशन कर रही हैं। लेकिन गोरखपुर की आठ बेटियां ऐसी है जो एक ही परिवार से हैं। इन सबने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने माँ-बाप का ही नाम रोशन किया बल्कि प्रदेश के साथ देश में भी एक कीर्तिमान स्थापित किया है।

गोरखपुर की आठ बेटियां

गोरखपुर के रहमतनगर की रहने वाली ये बेटियां आज पूरे समाज के लिए मिसाल बनी हुई हैं। जानकर आपको ताज्जुब होगा कि ये आठों बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं।

गौरतलब है कि अलीम आलमी रेलवे में नौकरी करते थे और नूरुस्सबा खान अध्यापिका थीं। बेटियों की परवरिश वर्तमान परिवेश के हिसाब और बेहतर तरीके से करना आसान काम नहीं था। लेकिन इनके हौसले और बेहतर संस्कारों ने सभी बेटियों को सफल शहरी और कुशल गृहणियां बना दिया।

बता दें कि आठ बेटियों के माता-पिता अलीम आलमी और नूरुस्सबा को कोई बेटा नहीं है, लेकिन उनकी आठों बेटियां अपने मां-बाप पर जान छिड़कती हैं। आलमी की इन आठों बेटियां में से कोई सरकारी टीचर है, तो कोई इंजीनियर तो कोई डाक्टर। ये बेटियां समाज के हर क्षेत्र में अपने मां-बाप का नाम रौशन कर रही हैं।

आलमी दंपत्ति की बड़ी बेटी रखशां अालमी इमामबाड़ा गर्ल्स  इंटर कॉलेज में वरिष्ठ अध्यापिका हैं। दूसरे नम्बर की बेटी निशात अालमी जाने-माने कॉर्मल स्कूल सिविल लाइन में वरिष्ठ अध्यापिका के पद पर तैनात हैं। वहीं तीसरे और चौथे नम्बर की बेटियां सुआद अंदलिब सीनियर मैनेजर और रेशमा आलमी सहारा इंडिया में मैनेजर हैं।

वहीं परिवार में पांचवें नम्बर की बेटी हिजाब आलमी गोंडा जिला में सरकारी अध्यापिका हैं। छठे नम्बर की जुफिशां आलमी इलाहीबाग में महफिल मैरिज हॉल का संचालन करती हैं। सातवें नम्बर की बेटी असफिया आलमी दिल्ली में फिजियोथैरेपिस्ट हैं। सबसे छोटी संदल आलमी अहमदाबाद में इंजीनियर (एमटेक) हैं।

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