गोनकोट गांव के पास राप्ती नदी निगल रही जमीन, ग्रामीणों में दहशत

तेज धूप होने व हवाओं के न चलने से उमस बरकरार है। गैंडास बुजुर्ग ब्लॉक क्षेत्र के गोनकोट गांव के पास राप्ती नदी जमीन निगल रही है। 15 दिन में 200 मीटर नदी कटान कर सड़क के किनारे पहुंच गई है। बचाव के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। बोरियां नदी में समा रहीं हैं। प्रशासन का दावा हवाई साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन पर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है।

कटान से बचाव के लिए बंबू कैरेट लगाया गया था। जो नदी की धारा में समा गई। जमील, दुर्गा विश्वकर्मा, मेघू मौर्य, मनिक विश्वकर्मा ,धनीराम, बुधराम, जगदंबा, श्याम सिंह ,कल्लन विश्वकर्मा,अजमल,संदीप व लाल बाबू का कहना है कि राप्ती की कटान से खेती योग्य जमीन नदी में समाती जा रही हैं। तहसील व प्रशासनिक अफसरों के कार्यालयों का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य चंद्र प्रकाश पांडेय ने बताया कि बंबू कैरेट नदी में समा चुका है। खाना पूर्ति की जा रही है। कटान से बचाव के पुख्ता इंतजाम शीघ्र नहीं किए गए तो वह ग्रामीणों के साथ सड़क पर उतरने को विवश होंगे। उपजिलाधिकारी उतरौला अरुण कुमार गौड़ ने बताया कि गांव को बचाने का काम तेजी से जारी हैं। कटान रोकने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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