गोडसे पर बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर को मिल सकती है राहत, लेकिन यहां फंस सकती है बात

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा चुनाव के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिए जाने के मामले में पार्टी से उन्हें राहत मिल सकती है। ऐसे संकेत पार्टी की ओर से मिल रहे हैं।


पार्टी की अनुशासन समिति ने प्रज्ञा के बयान पर उन्हें नोटिस जारी किया था, जिस पर प्रज्ञा ने अपना जवाब दे दिया। अब इस बात की संभावना है कि पार्टी उन्हें क्लीन चिट दे देगी।

आरएसएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आगामी समय में प्रज्ञा ठाकुर का इस्तेमाल हिंदूवादी नेता के चेहरे के तौर पर करना चाहता है। इसलिए प्रज्ञा पर कोई कार्रवाई नहीं होंगी। प्रज्ञा के हिस्से में तीन महत्वपूर्ण बातें जाती हैं। एक तो उन्होंने भोपाल में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया, दूसरा वह हिंदूवादी चेहरे के तौर पर पहचानी जाती हैं और तीसरा आने वाले समय में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रिय भूमिका रहने वाली है।

प्रज्ञा को क्लीन चिट दिए जाने के संकेत पार्टी महासचिव अनिल जैन ने भी दिए हैं। जैन ने गुरुवार को यहां प्रज्ञा पर संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी और प्रायश्चित करते हुए 21 प्रहर का उपवास रखा था। फिलहाल उनके मामले पर निर्णय अनुशासन समिति को करना है।”

उल्लेखनीय है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनाव के दौरान गोडसे को देशभक्त करार देते हुए कहा था, “नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें।”

बयान के तूल पकड़ने पर प्रज्ञा को अपने बयान पर माफी मांगनी पड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रज्ञा ठाकुर के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि वह प्रज्ञा को माफ नहीं कर सकेंगे।

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