अब न लालकिला दिखाई देगा, न ताजमहल

दिल्ली। अब आप न दिल्ली का लालकिला देख पाएंगे, न आगरा का ताजमहल। आने वाले दिनों में देश के सभी महत्वपूर्ण स्थल ‘गायब’ हो जाएंगे। यह सब गूगल स्ट्रीट व्यू पर होगा।

गूगल स्ट्रीट व्यू

गूगल स्ट्रीट व्यू पर फिलहाल आप इन जगहों को दुनिया में कहीं से भी बैठकर देख सकते हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह सभी सुविधाएं गूगल को बंद करनी होंगी।

केन्द्र की मोदी सरकार ने एतिहासिक और अहम जगहों की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया है। साल 2008 के मुंबई हमलों में आतंकियों ने गूगल की मदद से हमले की जगहों का पूरा मैप बनाया था।

अमेरिकी मूल के पाकिस्तानी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने अमेरिका में बैठे-बैठे मुंबई में हमले वाली जगहों का तस्वीरों के साथ पूरा ब्योरा जुटा लिया था।

इसी वजह से अब भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। खबरों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों के आग्रह के बाद गृह मंत्रालय ने गूगल को स्ट्रीट व्यू की सुविधा बंद करने के लिए कहा है।

फिलहाल गूगल स्ट्रीट व्यू के जरिए ताजमहल, लाल किला, कुतुब मीनार, वाराणसी की गंगा, नालंदा यूनिवर्सिटी, मैसूर प्लेस, चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास थंजावुर मंदिर को देखा जा सकता है। इन जगहों की रियल व्यू दिखाने के लिए गूगल ने आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की मदद ली थी।

गूगल स्ट्रीट व्यू क्या है?

साल 2007 में लॉन्च हुए गूगल स्ट्रीट व्यू के जरिए आप घर बैठे दुनिया में किसी भी जगह की पैनोरमा इमेज देख सकते हैं। सबसे पहले यह सुविधा अमेरिका के कुछ शहरों में शुरू की गई थी। बाद में इसके जरिए दुनियाभर को घर बैठे देखना आसान हो गया।

कैसे काम करता है गूगल का स्ट्रीट व्यू

इसके लिए गूगल की टीम 15 कैमरों वाली डिवाइस लेकर स्थान विशेष की फुटेज कवर करती है। इनमें से हर कैमरा पांच मेगापिक्सल का होता है। डिवाइस में यह कैमरे हर दिशा में लगे होते हैं। इसे स्थान विशेष का 360 डिग्री का व्यू मिल जाता है। इस ऑटोमेटिक डिवाइस को साइकिल, ट्राइसाइकिल, नाव से लेकर ऊंट तक पर रखकर काम किया जा सकता है। कई बार गूगल टीम के सदस्य खुद इसे पीठ पर टांग कर स्ट्रीट व्यू तैयार करते हैं।

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