गुलबर्ग सोसाइटी : 14 साल बाद 11 को उम्रकैद, 12 को सात साल की सजा
अहमदाबाद। स्पेशल कोर्ट ने आज गुलबर्ग सोसाइटी का फैसला सुनाते हुए आज 11 दोषियों को उम्रकैद व 12 को सात साल की सजा सुनाई है। एसआर्इटी स्पेशल जज पीबी देसाई ने दो जून को अपना फैसला सुनाया था। गुलबर्ग सोसाइटी मामले में 68 आरोपियों मे से 24 को दोषी ठहराया गया था। इस दंगे में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या हुई थी।
अदालत के फैसले पर खुशी जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा है कि वह बदले की भावना में विश्वास नहींं रखती हैं अदालत के फैसले से जहां एक ओर उन्हेंं खुशी हुई है, वहीं कम सजा से थोड़ी निराशा भी हुई है। इसके उलट गुलबर्ग सोसाइटी केस की मुख्य याची जाकिया जाफरी ने कहा है कि “यह अधूरा इंसाफ हुआ है। मैंं अपने वकिल से बात करके जो 36 लोग छोड़ दिये गये हैं, उनके खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगी।”
अभियोजन पक्ष ने दोषियों के द्वारा जेल में बिताई अवधि की सूची तैयार करके जज पीबी देसाई को सौंपी है। इसके बाद कोर्ट ने सजा के एलान की तिथि मुकर्रर की। 11 आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद के नेता अतुल वैद्य समेत 13 अन्य को अपेक्षाकृत कम गंभीर मामलों में दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने 36 अन्य को बरी कर दिया था। इस केस में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पूछताछ हुई थी। बाद में उन्हेंं क्लीनचिट मिल गई थी।
इस हत्याकांड में 28 फरवरी, 2002 को 39 लोगों के शव गुलबर्ग सोसाइटी में मिले थे। बाकी 30 लोगों के शव नहीं मिलने पर सात साल बाद उन्हें मृत मान लिया गया।