गीत के जरिए एक बेटी ने लगाई गुहार, बहुत हुई शर्मिंदा… अब ‘उड़ने दे’

‘उड़ने दे’मुंबई| लैंगिक समानता के समर्थन में सभी महिलाओं को समर्पित भारतीय गायिका नीति मोहन की रचना ‘उड़ने दे’ संयुक्त राष्ट्र की स्वयंसेवी न्यास कोष परियोजना ‘प्रेरणास्पद संगीत – मानव तस्करी के खिलाफ एकजुट कलाकार’ के अल्बम का हिस्सा होंगी। यह मौका मिलने से नीति इस परियोजना में शामिल अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों एश्टन कूचर, निकोलस केज, डेमी मूर, एश्ले जूड और गिलियन एंडरसन की जमात में शामिल हो गई हैं।

दुनियाभर से 60 से अधिक कलाकारों व जानी मानी हस्तियों ने मानव तस्करी रोकने के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था को लाभ पहुंचाने के मकसद से ट्रिपल अल्बम में हिस्सा लिया है।

नीति ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराध वैश्विक है। इससे दुनिया का लगभग हर देश प्रभावित है। यह एक ऐसा अपराध है, जिससे हम सभी को शर्मिदगी महसूस होती है।”

गायिका ने बताया कि उन्होंने ‘उड़ने दे’ 2012 में घटित निर्भया कांड के दौरान लिखा था, लेकिन वह इस गीत को कभी जारी नहीं कर सकीं, क्योंकि उन्हें लगा कि यह बेहद निजी है।

उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ, जैसे वह जोर से रो रही हैं और किसी को उनका रोना सुनाई नहीं दे रहा है। गायिका ने बताया कि जब भी वह किसी महिला के साथ अन्याय होने के बारे में पढ़ती हैं तो उन्हें ऐसा ही महसूस होता है।

नीति कहती हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद और प्रार्थना करती हैं। ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान ने भी इस अल्बम में काम किया है।

LIVE TV