छात्रा के ऊपर गिरी कॉलेज के शौचालय की दीवार, हालत गंभीर, सैफई रेफर

मैनपुरी मैनपुरी जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण एक छात्रा का जीवन खतरे में पड़ गया है। टॉयलेट के लिए गई छात्रा के ऊपर शौचालय की दीवार गिर गई। इससे वो गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल छात्रा को जिला अस्पताल से मिनी पीजीआई सैफई के लिए रेफर किया गया है।

गिरी कॉलेज के शौचालय की दीवार

मामला राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानपुर हरी का है। यहां गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब कक्षा चार की एक छात्रा मोना पुत्री दौलतराम शौचालय में टॉयलेट जाते समय दीवार ढहने से उसी में दब गई।

अन्य छात्राओं ने जब प्रधानाचार्या मंजू कश्यप को जानकारी दी तो ग्रामीणों की मदद से छात्रा को बाहर निकाला गया। उसे आनन-फानन में पहले सीएचसी ले जाया गया। वहां से गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल से भी मोना को गंभीर हालत देखते हुए मिनी पीजीआई सैफई के लिए रेफर किया गया है।

सीएचसी में नहीं मिला कोई उपचार

प्रधानाचार्या मंजू कश्यप का कहना था कि सबसे पहले वे छात्रा को लेकर मानपुरीहरी सीएचसी पर लेकर पहुंचीं लेकिन यहां छात्रा को कोई उपचार नहीं मिल सका, जिससे उसके काफी खून बह गया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर भी चिंता जाहिर की है।

जूनियर के भवन में वर्षों से चल रहा है कॉलेज  

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानपुरहरी की स्थापना 12 वर्ष पूर्व की गई थी। लेकिन 12 वर्ष बाद भी सरकार इस कॉलेज के लिए भवन उपलब्ध नहीं करा पाई। इसके चलते यहां की छात्राएं जूनियर के जर्जर भवन में पढने को मजबूर हैं।

प्रधानाचार्या मंजू कश्यप ने बताया कि कई बार उनके द्वारा भवन के लिए लिखित में शिकायत की गई लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। विद्यालय में बाउंड्रीवाल भी नहीं है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कॉलेज में 350 छात्राएं वर्तमान में पंजीकृत हैं।

नहीं टूटी प्रशासन की नींद

अमर उजाला ने तीन दिसंबर के अपने अंक में विद्यालय के शौचालय हुए जर्जर खबर प्रकाशित की थी। लेकिन इस पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि छात्रा की जान पर बन आई है।

यदि अमर उजाला की खबर पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो छात्रा मोना के साथ ये हादसा नहीं होता। यदि जिला प्रशासन और विभाग अब भी नहीं जागा तो आगे और भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिले के दर्जनों विद्यालयों के शौचालय जर्जर अवस्था में हैं।

डीआईओएस सर्वेश कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। प्रधानाचार्या से बात की जाएगी। आखिर किस प्रकार हादसा हुआ। जब शौचालय जर्जर था तो उसे गिराया क्यों नहीं गया। मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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