गायत्री प्रजापति पर सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा, दर्ज हुआ गैंगरेप का केस, प्रदेश सरकार से भी माँगा जवाब

अमेठी: विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से ठीक पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अखिलेश सरकार में मंत्री और अमेठी से पार्टी उम्मीदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख इख्तियार किया है और उनके खिलाफ गैंगरेप और यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पर यूपी सरकार से भी आठ हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है।

पीडित महिला सामाजिक कार्यकर्ता है उसका आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने उसका और उसकी बेटी का यौन शोषण किया है महिला ने करीब 5 महीने पहले गायत्री प्रसाद के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाया था लेकिन तब पुलिस ने FIR दर्ज नही की थी।

पुलिस द्वारा रिपोर्ट न लिखने की शिकायत महिला ने प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों समेत डीआईजी तक को की थी, लेकिन शिकायत के इतने लंबे समय बाद भी मामला दर्ज नहीं हुआ तब महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसपर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने नाराजगी जताई तथा गायत्री के खिलाफ तत्काल प्रभाव से गैंगरेप और महिला के साथ यौन शोषण का मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री से उसकी मुलाकात करीब 3 साल पहले हुई थी तथा आरोप लगाया कि मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था साथ ही महिला ने कहा कि गायत्री ने घटना की तस्वीरें भी ले ली थीं जिसके द्वारा वह मुझे ब्लैकमेल करता था।

गौरतलब है कि सितंबर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने करप्शन के आरोपों पर गायत्री प्रजापति बर्खास्त कर दिया था दरअसल, गायत्री खनन मंत्री थे और उन पर खनन मंत्री रहते हुए अवैध खनन की गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है।

हालांकि मुलायम सिंह यादव के दवाब के कारण अखिलेश ने गायत्री को फिर से बहाल कर दिया था।

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