विभागों के बंटवारे को लेकर उठा-पटक खत्म, जानें गहलोत और पायलट को मिला कौन सा विभाग

जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस सरकार में विभागों के बंटवारे से जुड़ी खींचतान की खबरें थीं, मगर अब उस पर सहमति बनती दिख रही है. राजस्थान सरकार के विभागों का बंटवारा हो गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पांच विभाग मिले हैं. बता दें कि राजस्थान में  कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर सत्ता हासिल की है. इससे पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी.

गहलोत और पायलट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग, आबकारी विभाग, आयोजना विभाग, नीति आयोजना विभाग, कार्मिक विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो, सूचना प्रौद्योगिकि एवं संचार विभाग और गृह मामलात और न्याय विभाग अपने पास रखे हैं.

वहीं, डीप्टी सीएम सचिन पायलट के हिस्से में सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, विज्ञान और प्रदौगिकी विभाग और सांख्यिकी विभाग गया है. इन दोनों के अलावे 17 मंत्रियों के विभाग का भी बंटवारा हो गया है, जिसकी लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं.

विभागों के बंटवारे को लेकर उठा-पटक खत्म, जानें गहलोत और पायलट को मिला कौन सा विभाग

बता दें कि इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार में विभागों के बंटवारे से जुड़ी खींचतान की खबरों की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार शाम पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. सूत्रों के मुताबिक गहलोत के अलावा पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचे थे. इन तीन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के पहले पार्टी का वाररूम कहे जाने वाले 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर करीब डेढ़ घंटों तक बैठक की.

आज का राशिफल, 27 दिसंबर 2018, दिन- गुरुवार

दरअसल, राजस्थान में 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था जिसमें 13 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली थी, लेकिन बुधवार शाम तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ. हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद गत 17 दिसंबर को गहलोत ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी साथ में शपथ ली थी जो इस सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं. चुनावी नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भी लंबी खींचतान देखने को मिली. मैराथन बैठकों और गहन विचार-विमर्श के बाद गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाने के फार्मूले पर सहमति बनी थी.

 

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