अंतिम संस्कार के लिए नहीं खरीद सका लकड़ी तो घर में ही दफनाया पत्नी का शव

गरीबी शहडोल: गरीबी इंसान से क्या नहीं करा देती। इसकी एक बानगी मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में देखने को मिली, जहां एक बुजुर्ग ने गरीबी के चलते घर में ही गड्ढा खोदकर पत्नी के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, लगभग तीन माह तक वह उसी कमरे में सोता रहा, जहां पत्नी को दफनाया था।

पुलिस ने कहा कि लक्ष्मी नारायण तिवारी (75) अपनी पत्नी कुंती (70) के साथ बिरसिंहपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में रहता था। उसके परिवार में और कोई नहीं है।

गरीबी ने किया मजबूर

इस बुजुर्ग दंपति का जीवन मजदूरी करके चलता था। कुंती की लगभग तीन माह पूर्व बीमारी के चलते मौत हो गई, तो उसने घर के भीतर ही गड्ढा खोदकर उसे दफना दिया।

बिरसिंहपुर थाने के प्रभारी उमाशंकर यादव ने बुधवार को बताया कि गांव वालों के कुंती के नजर न आने पर शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना थाने को दी। पुलिस ने लक्ष्मी नारायण से पूछताछ की तो उसने पत्नी को घर में ही दफनाने की बात कही।

यादव के अनुसार, बुधवार को अधिकारियों की मौजूदगी में कमरे की खुदाई कराई गई, तो जमीन के भीतर शव मिला। लक्ष्मी ने पुलिस को बताया कि वह लगभग 30 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश से आकर यहां रह रहा था। सरकारी जमीन पर मकान भी बना लिया।

उसकी पड़ोसियों से बनती नहीं है, साथ ही उसकी माली हालत भी ठीक नहीं। जब पत्नी की बीमारी के चलते मौत हुई, तो उसके पास अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने की भी रकम नहीं थी। इसीलिए उसने पत्नी को घर के भीतर ही दफना दिया।

यादव ने बताया कि शव को जमीन से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। तीन माह तक जमीन में दफन रहने के कारण शव पूरी तरह कंकाल में बदल चुका है।

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