गणेश जी को प्रसन्‍न करने के पांच उपाय जो कर देंगे आपको मालामाल

गणेश जीशिव-पार्वती पुत्र भगवान गणेश के प्रभाव को कौन नहीं जानता। हमारे घरों में होने वाली छोटी से छोटी पूजा में भगवान श्री गणेश की पूजा पहले होती है उसके बाद अन्‍य किसी देवता की । धार्मिक ग्रन्‍थों में श्री गणेश जी की दो पत्नियां बताई गईं हैं- ऋद्धि और सिद्धि। जिसने भी श्री गणेश जी को प्रसन्‍न कर लिया उसे सभी प्रकार की सिद्धियां खुद ही मिल जाएंगी लेकिन अगर श्री गणेश जी नाराज हो जाएं तो अन्‍य कोई देवता या उपाय नहीं है जो ग्रहों के कोप से बचा सके।

श्री गणेश जी विघ्नहर्ता हैं। इनके विषय में कहा जाता है कि यह जितनी जल्दी मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं उतनी ही जल्दी मान भी जाते हैं। शास्त्रों में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिनसे आप भी गणेश जी  को खुश कर अपने जीवन में आयी मुश्किलों को दूर कर सकते है। पंडित सुरेश दुबे बता रहे हैं श्री गणेश जी को प्रसन्‍न्‍ा और अपने अनुकूल करने के पांच  आसान उपाय। इन उपायों से आप श्री गणेश जी को प्रसन्‍न कर अपने जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पा सकतें हैं।

गणेश जी को प्रसन्‍न करने के उपाय

श्री गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके श्री गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा श्री गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा नहीं रखें। दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’

शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से श्री गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसे माना जाता है कि भगवान श्री रमा ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी। शमी श्री गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित श्री गणेश जी को अर्पित करें तो घर में धन एवं सुख की वृद्धि होती है

भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो।सूखा चावल श्री गणेश जी को नहीं चढ़ाएं। चावल का गीला करें फिर, ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए तीन बार श्री गणेश जी को चावल चढ़ाएं

सिंदूर की लाली श्री गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। श्री गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’

श्री गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था। इससे अन्य चीजों को खाने में श्री गणेश जी को तकलीफ होती है,क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है। मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है। यह मुंह में जाते ही घुल जाता है। इसलिए श्री गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय है। अतएव श्री गणेश जी को मोदक का भोग जरूर लगाये

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