स्टेडियम और स्कूली खेल मैदानों का किया जाए पूर्ण उपयोग : खेल मंत्री

खेल मंत्रीनई दिल्ली। युवा प्रतिभाओं को सामने लाने और देश में खेल संस्कृति को बढ़ाने के लिए गुरुवार को केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने स्टेडियम और स्कूलों के खेल के मैदानों के पूरी तरह से उपयोग करने की बात पर जोर दिया। गोयल ने यह बात दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेए) के सदस्यों से मुलाकात के दौरान कही।

गोयल ने कहा, “हमारा मंत्रालय इस बात पर जोर दे रहा है कि स्टेडियमों का पूरी तरह से उपयोग हो। हम माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वह अपने बच्चों को स्टेडियम में भेजें। यह सिर्फ दिल्ली में ही नहीं पूरे देश में होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “ज्यादा से ज्यादा बच्चे खेलेंगे तो हमारे पास अच्छी तादाद में प्रतिभा होगी। इससे देश में खेल संस्कृति को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा, “इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी और खेल का स्तर भी जिससे बेहतर परिणाम आएंगे। इसी के चलते हमने स्लम दौड़ का भी आयोजन किया था।”

गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय इस पर काम कर रहा है और स्कूलों से भी बात कर रहा है।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में मौजूद स्कूलों के खेल मैदानों का भी सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता। स्कूल के समय के बाद उनके मैदानों में कोई नहीं खेलता। स्टेडियमों में ही हर समय खेल गतिविधयां नही चलती हैं।”

गोयल ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि एमसीडी, डीडीए और एनडीएमसी के स्कूलों में जो मैदान हैं, उनका पूरा उपयोग किया जाए और उनमें खेल गतिविधियां आयोजित की जाएं।”

गोयल ने बताया कि मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में एलईडी स्क्रीन लगाना उनके मंत्रालय की योजना थी। उनका मानना है कि अन्य स्टेडियमों में भी इस तरह की स्क्रीन लगनी चाहिए।

मंत्री ने कहा, “जिन स्टेडियमों में लगातार अंतर्राष्ट्रीय मैच होते हैं वहां स्थायी रूप से स्क्रीन लगाई जानी चाहिए।”

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