कम बजट में लीजिए इन खूबसूरत जगहों पर घुमने का मज़ा

अगर आपका इस वीकेंड घूमने जाने का मन है लेकिन पैसों की तंगी आपको परेशान कर रही है तो टेंशन छोडिये और बैग पैक कीजिए क्‍योंकि आज मैं आपको कम बजट में घूमी जाने वाली इन खूबसूरत जगहों के बारें में बताने वाली हूं, जहां की नैचुरल ब्‍यूटी आपकी ट्रिप को शानदार और यादगार बना दगी। प्रकृति की गोद में बसा देहरादून बेहद खूबसूरत है। यहां नदियों से लेकर म्यूजियम और मंदिर सब जगह देखने लायक है। कम बजट में भी देहरादून की इन जगहों की सैर की जा सकती है।

देहरादून भारत की राजधानी दिल्ली से 230 किलोमीटर दूर दून घाटी में बसा हुआ है। ये नगर पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। प्रकृति की गोद में बसा देहरादून बेहद खूबसूरत है। यहां नदियों से लेकर म्यूजियम और मंदिर सब जगह देखने लायक है। मैं अपने आप को बहुत खुश किस्मत समझती हूं जो मैं देहरादून की इस खूबसूरती का मजा लूट चुकी हूं। जहां एक तरफ देहरादून में एफआरआई जैसी ऐतिहासिक जगहें हैं वहीं मौज मस्‍ती और आस्‍था से जुडे कई ऐतिहासिक और सुंदर जगहें भी मौजूद है। तो आप देहरादून ट्रिप के लिए जाना चाहती हैं, तो मैं आपको इन खास जगहों के बारें में बताती हूं।

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रॉबर्स केव (गुच्चु पानी)

रॉबर्स केव (गुच्चु पानी)

एक नदी जो बड़े-बड़े चट्टानों के बीच से बहती है, एक अद्वितीय खूबसूरती का नजारा है। ठंडे-ठंडे मौसम का मजा लेते हुए, घुटनों तक आने वाले पानी में नदी की सैर करना किसी रोमांचक सफर से कम नहीं है। पिकनिक का मजा लेने वालों के लिए डाकू गुफा देहरादून में किसी जन्नत से कम नहीं है। रॉबर्स केव नामक यह प्राकृतिक गुफा मुख्य देहरादून से 8किमी की दूरी पर है। यहां पर इसे ‘गुच्चु पानी’ के नाम से भी जाना जाता है।

प्रकृति द्वारा ही बनी इस नदी और गुफा को यहां के स्थानीय भाषा में ‘गुच्चु पानी’ के नाम से जाना जाता है। घने जंगलों और हरे भरे वातावरण के बीच कलात्मक आकार से बने ये चट्टानों के दीवार वीकेंड ट्रिप के लिए सबसे अच्छी जगह है। गुच्‍चु पानी दून की सुरम्य घाटी में बसा सबसे बहुमूल्य स्थान है। डाकू गुफा के बाहर निकलते ही वहाँ पर लगी छतरियां और कुर्सियां आपका ध्यान आकर्षित करती हैं। यहां बैठकर मैगी और गरम चाय का मजा लेते हुए आपको पूल साइड रेस्टोरेंट में बैठ कर मजे लेने का अहसास होगा। यह निचले हिमालय की शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित है। चूना पत्थर से निर्मित यह गुफा करीब 600 मीटर लंबी है।

किवदंती के अनुसार यह गुफा डाकू मान सिंह की रहने और छुपने की जगह हुआ करती थी। इसमें से होकर बहती हुई नदी को देखना और उस पर चलने का अहसास अद्भुत है। नीचे कंकड़ -पत्थर होने से इसमें सेंडल या चप्पल पहन कर जाना ठीक रहता है। गुफा की अंधेरी और स्थानीय रचना को देखकर कल्पना की जा सकती है कि यह डाकुओं के छुपने की सबसे सही जगह हुआ करती होगी।

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टपकेश्‍वर महादेव मंदिर

टपकेश्‍वर महादेव मंदिर

भगवान शिव के देशभर में ही नहीं बल्कि विश्‍वभर में कई प्राचीन मंदिर हैं जिनका इतिहास रामायण व महाभारत से जुडा है। ऐसा ही भोलेनाथ का एक प्राचीन मंदिर उत्‍तराखण्‍ड की राजधानी देहरादून में भी है। टपकेश्‍वर महादेव मंदिर एक लोकप्रिय शिव मंदिर है। यह गुफा बेहद सुन्‍दर है। देहरादून शहर के बस स्टैंड से 5.5 किमी दूर स्थित एक प्रवासी नदी के तट पर स्थित है। टपक एक हिन्दी शब्द है, जिसका मतलब है बूंद-बूंद गिरना। यह कहा जाता है कि मंदिर में एक शिवलिंग है और गुफा की छत से पानी अपने आप टपकता रहता है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, यह गुफा द्रोणाचार्य (पांडवों और कौरवों के गुरु) का निवास स्थान माना जाता है। इसलिए, इस गुफा को द्रोण गुफा कहा जाता है। द्रोण के बेटे अश्वत्थामा इस गुफा में पैदा हुए थे। जन्म के बाद, उसकी माँ उसे दूध नहीं पिला पा रही थी। उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की और भगवान ने गुफा की छत से दूध टपकाते हुए उसे आशीर्वाद दिया। तब से यहां दूध की धारा गुफा से शिवलिंग पर टपकने लगी। जिसने कलयुग में पानी का रूप ले लिया इसलिए यहां शिव को टपकेश्‍वर कहा जाता है। यह कथा महाकाव्‍य महाभारत में लिखी है। यहां पर भारी संख्‍या में श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में इष्टदेव भी टपकेश्वर महादेव के नाम से जाने जाते है, जो भगवान शिव है। यहां दो शिवलिंग हैं। दोनों ही स्वयं प्रकट हुए हैं। आस-पास में संतोषी माँ और श्री हनुमान के लिए मंदिर हैं। टपकेश्‍वर मंदिर के पूरे क्षेत्र में एक वन है और यहां आने वालों को मंदिर तक पहुंचने के लिए 1 किलोमीटर चलना पड़ता है। मुख्य शिवलिंग एक गुफा के अंदर स्थित है।

यह एक प्राकृतिक गुफा है। गुफा का मंदिर, टौंस नामक एक मौसमी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के आस पास कई झरने है। गुफा बहुत छोटी सी जगह में स्थित है और काफी संकीर्ण भी है। दर्शन के लिए लगभग झुक कर घुटनो के बल जाना पड़ता है। अगर आप टपकेश्‍वर जाते हैं तो मंदिर के आस पास बंदरों से जरूर सावधान रहें।

राजाजी नेशनल पार्क

राजाजी नेशनल पार्क

प्रकृति प्रमी और जंगल सफारी का शौक रखने वालों के लिए देहरादून एक अच्‍छी जगह है। यहां जंगल जंगल सफारी के लिए प्रसिद्ध है राजाजी नेशनल पार्क। यहां बहूत दूर-दूर से लोग जंगल सफारी का मजा उठाने के लिए भी आया करते हैं। 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, यहां पाए जाने वाले हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है। इसके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, भालू, कोबरा, जंगली सुअर, खरगोश, जंगली बिल्ली और कक्कड़ सांभर और मोर भी पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

1983 से पहले इस क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य थे- राजाजी,मोतीचूर और चिल्ला। 1983 में इन तीनों को मिला दिया गया। राजाजी राष्ट्रीय पार्क, ऋषिकेश से 6 किमी और देहरादून से 23 कि.मी. की दूरी पर स्थित देहरादून के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

तो, क्या आप नहीं चाहती ऐसे हसीन और रोमांटिक जगह के मजे लेना? अगर चाहते हैं, तो देहरादून की बस पकड़िए और देहरादून की इन खास जगहों को घूम आईए। इसके अलावा आप देहरादून में एफआरआई, स‍हस्‍त्रधारा, तिब्बतन बुद्धिस्ट मंदिर और मालसी डियर पार्क जैसी कई खूबसूरत जगह घूमने लायक हैं।

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