खुले आसमान के नीचे दस वर्षों से लोहे की जंजीरों से बंधा मानसिक विक्षिप्त युवक का नग्न शरीर !

 

रिपोर्ट  – लेखराज शर्मा

राजस्थान : एक ओर इन दिनों रोहिणी तपने से पड़ रही भीषण गर्मी लू से प्रदेश सहित देश के अधिकतर भाग में लोग भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं |

सुबह 10 बजे के बाद लू के थपेड़े गर्म हवाएं से बचने के लिए लोग अपने घरों से अपने शरीर को पूरा कपड़ों से ढककर सावधानी बरतते हुए भीषण गर्मी में शरीर को राहत देने वाले शीतल पेय पदार्थों का इस्तेमाल कर गर्मी से बचने का जतन कर रहे हैं |

कुछ मिनटों के लिए अगर लाइट भी चली जाती है तो कूलर पंखा बंद होने से लोगों का बुरा हाल हो जाता है वहीं दूसरी ओर मौसम की मार सहन करता हुआ भीषण गर्मी में संदोखडा पंचायत के टांडा गाँव निवासी |

गांव से करीब दो सौ मीटर दूर एकांत में बरसाती नाले के पास बीते करीब एक दशक से खुले आसमां के नीचे झाड़दार बबूल के पेड़ के पास वे नग्न अवस्था में लोहे की मजबूत जंजीरों से बंधा मानसिक विक्षिप्त युवक हरपाल कुशवाह (35) पुत्र कम्पू कुशवाह निवासी पल पल जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है |

मानसिक विक्षिप्त युवक की इस हाल पर बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहे वृद्ध माता पिता भाई एवं परिजन मानसिक विक्षिप्त युवक के उपचार एवं मदद करने में विवश है |

स्थानीय प्रशासनिक तंत्र क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्थाएं अभी तक इस युवक की कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आने से हर पल मानवता शर्मसार होकर लोहे की बेड़ियों में जकड़ी हुई हैं |

बरसों से एक स्थान पर लोहे की मजबूत बेड़ियों से कमर पर बंधा हुआ युवक का शरीर बेहद कमजोर होने के साथ दोनों पैर वजन सहन करने के योग्य भी नहीं रहे हैं | युवक चंद कदम भी चल फिर नहीं सकता |

24 घंटे दिन रात युवक जंजीर से बंधा हुआ एक स्थान पर बैठ कर आने जाने वाले राहगीरों को बेबस निगाहों से निहारता रहता है इसकी हालत पर किसी को तरस भी नहीं आता | गरीबी अंधविश्वास से बेबस है वृद्ध पिता |

बीते करीब एक दशक से मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक के इस हाल की मुख्य वजह परिजनों की खराब आर्थिक स्थिति गरीबी परिजनों ग्रामीणों की अंधविश्वासी सोच की मुख्य वजह है |

 

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हरपाल सिंह के पिता कंपू कुशवाह ने बताया कि हरपाल शादीशुदा है करीब दस बारह साल पहले अचानक से हरपाल का मानसिक संतुलन बिगड़ने से हरपाल पागल हो गया | इसे इलाज के लिए दो बार ग्वालियर में जाकर चिकित्सक की सलाह से शॉर्ट भी लगवाए|

लेकिन कुछ दिनों तक आराम रहा | पुनः मानसिक रोगी होने पर जयपुर,जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती रहकर भी उपचार कराया लेकिन कोई आराम नहीं मिला |

थोड़ी बहुत खेती किसानी मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर कर रहे परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति गरीबी मानसिक रोगी युवक के उपचार में खर्च की वजह से कमजोर होती चली गई | हरपाल ने कई बार वृद्ध पिता,परिजनों के ऊपर एवं ग्रामीणों के ऊपर अचानक से जानलेवा हमला कर घायल कर दिया |

हमने दो-तीन बरसों तक हरपाल का उपचार कराया | जगह-जगह देवी देवताओं के दर पर पहुंचकर समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास किया | इसके पागलपन की वजह से इसकी पत्नी दस साल पहले अपने छोटे बेटे को लेकर दूसरी जगह चली गई |

मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से हरपाल आए दिन इधर उधर कई दिनों तक घर से भाग जाता | लोगों को अचानक से पत्थर मारकर घायल कर देता |

परिजनों पर जानलेवा हमला करने की वजह से मजबूरी में खेत पर एक टापरी बना कर रस्सी से बांधा | लेकिन कई बार हरपाल रस्सी खोलकर भाग गया | खेत पर हमेशा टापरी के पास कुआं होने की बजे से इसके जीवन को खतरा बना रहता |

इसलिए हरपाल को गांव के पास लोहे की जंजीर से बबूल के पेड़ के सहारे एकांत में बांध रखा है | परिजन दोनों वक्त खाने को भोजन पीने का पानी हरपाल को देते हैं | परिवार के लोग हरपाल को पहनने को कपड़ा भी देते हैं |

 

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