खत्‍म होगी बीसीसीआई की दादागीरी, राय ने कहा, पूरे घर के बदल डालूंगा

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज को देखने के लिए बनाई गई प्रशासक समिति (सीओए) के मुखिया पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने गुरुवार को कहा कि बीसीसीआई की दादागीरी खत्‍म होगी, समिति लोगों तक साफ-सुथरा क्रिकेट पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

शीर्ष अदालत ने राय के साथ इस समिति में भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुल्जी,  इतिहासकार रामचंद्र गुहा और आईडीएफसी बैंक के महाप्रबंधक विक्रम लिमये को चुना है। राय ने कहा है कि समिति बोर्ड में लोकतांत्रिक ढांचे को दोबारा स्थापित करेगी।

राय राजधानी दिल्ली में एक बैंक की 805वीं शाखा के उद्घाटन मौके पर आए थे। कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में राय ने कहा बीसीसीआई का कामकाज संभालने में कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि इस देश में क्रिकेट को पसंद करने वाले बहुत से लोग हैं। हमें क्रिकेट को उसके प्रशंसकों तक शुद्ध रूप में पहुंचाना है।राय ने कहा बीसीसीआई को अच्छे प्रशासन की जरूरत है। हम इस जरूरत को पूरा करेंगे और इसके लोकतांत्रिक ढांचे को दोबारा स्थापित करेंगे जैसा इसे होना चाहिए।”

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हाल ही में अपनी बैठक में नए संविधान को मंजूरी देने के अलावा आय वितरण के अन्य प्रारूप को मंजूरी देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। राय से जब इस बैठक के बाद आईसीसी से उनके संबंध के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “आईसीसी और हमारे बीच कुछ भी विवाद नहीं है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम काम को उसी तरह करेंगे जिस तरह इसे होना चाहिए।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी करार दिए गए तेज गेंदबाज एस.श्रीसंथ ने अपने ऊपर लगे अजीवन प्रतिबंध को लेकर बीसीसीआई को अदालत में घसीटने की धमकी दी है। इस पर राय ने कहा कि श्रीसंथ जो चाहे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह प्रतिदिन के काम बीसीसीआई प्रबंधन द्वारा देखे जाते हैं। अगर उनके पास केस है तो उनका कोर्ट में स्वागत है।

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