क्रय केंद्रों पर नहीं आ रहा गेहूं अब तक करीब 22 फीसदी ही हो सकी गेहूं खरीद

गेहूं खरीद का सरकारी लक्ष्य पूरा कर पाना आसान नहीं लग रहा। लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक करीब 22 फीसदी ही गेहूं खरीद हो सकी है। जबकि खरीद में लापरवाही पर आठ क्रय केंद्र प्रभारियों को डीएम प्रतिकूल प्रविष्ट भी दे चुके हैं। लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब मोबाइल क्रय केंद्र संचालित किए जाएंगे। इसके तहत क्रय केंद्र प्रभारी गांवों में जाकर किसानों से संपर्क करेंगे। दो-चार किसान यदि गेहूं बेचने को राजी हैं तो गांव में ही कांटा ले जाकर तौल करेंगे।

गुरुवार को नवीन मंडी स्थल के तीनों क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद नहीं हो सकी। नायब तहसीलदार सदर सुशील प्रताप सिंह भी निरीक्षण को पहुंचे तो तीनों क्रय केंद्रों पर खरीद ठप दिखी। पीसीएफ के क्रय केंद्र रजा हैदर ने बताया कि उन्हें भी प्रतिकूल प्रविष्ठ मिली है लेकिन क्या करें? लॉकडाउन के असर के साथ ही खुले बाजार में गेहूं का मूल्य समर्थन मूल्य के आसपास है। मंडी के एक किलोमीटर के दायरे में तीन फ्लोरमिल हैं जहां 1900 रुपये क्विंटल की दर से गेहूं आसानी से बिक जाता है। क्रय केंद्र पर 1925 रुपये है। इसका बहुत असर है। यूपी एग्री के क्रय केंद्र प्रभारी रामसुएश चौधरी ने बताया कि 16 किसानों से 864 क्विंटल गेहूं खरीदा है। विपणन शाखा के क्रय केंद्र पर भी अब तक 65 किसानों से 2796 क्विटल गेहूं खरीदा जा सका है। इनसेट-

गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ाने के लिए मोबाइल केंद्र संचालित करने के निर्देश शासन से मिले हैं। इस पर काम किया जा रहा है। कोशिश है कि लक्ष्य के अनुरूप गेहूं खरीद हो सके।

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