क्यों सवालों में घेरे में आगरा की पुलिस!

आगरा।आगरा के राजू गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी दरोगा अनुज सिरोही और विधायक के रिश्तेदार अंशुल प्रताप पर 20-20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। कोर्ट की ओर से गैर जमानती वारंट जारी होने के एक दिन बाद पुलिस ने यह इनाम घोषित किया है।

पुलिस

सिकंदरा थाना पुलिस 20 दिन बाद भी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सिकंदरा के नरेंद्र एन्क्लेव निवासी राजू गुप्ता पर चोरी का आरोप लगाते हुए अंशुल प्रताप थाने पर ले गया था। थाना पुलिस की हिरासत में राजू की मौत हो गई थी।

पुलिस ने राजू की मां रेनू लता गुप्ता को भी पकड़ा था। आरोप था कि उनके सामने बेटे की पिटाई गई थी। इस मामले में अंशुल प्रताप और विवेक परिहार सहित अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था।

पुलिस ने पहले ही दिन से जिस तरह से कार्रवाई की, उससे कार्रवाई पर ही सवाल उठने लगे। पंचनामा भरने में चोटों का उल्लेख नहीं किया गया। इसके बाद पुलिस ने जांच में देरी की। इंस्पेक्टर लोहामंडी राजेश कुमार पांडेय की जांच पर पुलिस ने सवाल उठाए।

इस पर परिजनों की मांग पर जांच सीओ लोहामंडी चमन सिंह चावड़ा को ट्रांसफर कर दी गई। बुधवार को परिजनों ने मार्च निकाला। इसके बाद दरोगा अनुज सिरोही और अंशुल प्रताप पर 20-20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया।

इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश की बात कर रही हैं। आरोपी अंशुल प्रताप विधायक का रिश्तेदार है। इस वजह से पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही है।

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