क्यों कुंवारी लड़कियां रहती है विवाहित महिलाओं से ज्यादा खुश ? शोध में पता चली वजह…
अधिकतर लोगों का मानना है कि शादी के बिना जिंदगी अधूरी होती है. हर लड़की को शादी के बंधंन में बंधना जरूरी है क्योंकि शादी के बाद ही उसकी नई जिंदगी की शुरूआत होती है और उसका घर-परिवार और बच्चों में ही उसकी खुशी होती है लेकिन एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि अविवाहित महिलाएं, शादी-शुदा महिलाओं से ज्यादा खुश रहती हैं. इस अध्ययन में अविवाहित महिलाओं के खुश रहने के कई कारण सामने आयें हैं.
अमेरिकन टाइम यूज सर्वे द्वारा किये गये अध्ययन के मुताबिक विवाहित, अविवाहित, तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के सुख-दुख के स्तरों की तुलना की गयी. जिसमें पाया गया कि विवाहित महिलाओं की तुलना में अविवाहित लोगों के दुख कम थे और वह ज्यादा खुश थीं.
‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के प्रोफेसर और ‘हैप्पी एवर आफ्टर’ पुस्तक के लेखक ‘पॉल डोलन’ कहते हैं, शादी से पुरूषों को ज्यादा फायदा होता है जबकि महिलाएं शादी से पहले ज्यादा खुश रहती हैं. ‘डोलन’ के इस अध्ययन में बताते हैं कि महिलाओं में विवाह उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है. जो महिलाएं शादी नहीं करती वह ज्यादा खुश और स्वस्थ रहती हैं। अध्ययनों के निष्कर्ष से यह बात सामने आयी कि समय बदलने के साथ लोगों की सोच भी बदल रही है और शादी और बच्चे यह दो कारक नहीं हैं जो केवल महिलाओं को खुश रख सकते हैं.
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विवाहित महिलाओं की तुलना में अविवाहित महिलाओं को अपनी जिंदगी जीने की स्वतंत्रता होती है. शादी के बाद महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लग जाती हैं, जिस कारण वह स्वतंत्र रूप से अपनी जिंदगी नहीं जी पाती। शादी-शुदा महिलाएं अपनी कई इच्छाओं को मन में ही दबा कर रखती है जबकि अविवाहित महिलाओं को अपनी जिंदगी अपनी शर्त पर जीने की आजादी होती है. जिस कारण वह शादी-शुदा महिलाओं की तुलना ज्यादा खुश व तनाव मुक्त रहती हैं.
शादी के बाद महिला पर कई जिम्मेदारियां आ जाती हैं. जिसके कारण व अपने से ज्यादा पति-बच्चे और परिवार के बारे सोचती है, जिसका सीधा असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। कई बार ऐसे में शादी-शुदा महिलाओं को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के चलते खुद को नजरअंदाज कर देती हैं.
अविवाहित महिलाओं की तुलना में विवाहित महिलाएं ज्यादा तनाव में रहती हैं। बढ़ते तनाव के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अविवाहित महिलाओं में तनाव व चिंता कम शादी-शुदा महिलाओं की अपेक्षा कम होता है.