क्या युवाओं में घट रहा है JNU का क्रेज???

jnu_landscape_1458318696एजेन्सी/जेएनयू में कथित रूप से देशद्रोह की गतिविधि होने और विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों पर देशद्रोह का आरोप लगने के बीच विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों की करीब 2700 सीटों पर अगले शैक्षणिक सत्र में दाखिले के लिए इस बार करीब 76000 आवदेन मिले हैं। ये संख्या पिछले साल मिले आवेदनों की तुलना में तीन हजार कम हैं।

बता दें कि पिछले साल जेएनयू में दाखिले के लिए करीब 79000 आवदेन आए थे जबकि 2014 में 72000 छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया था। इस तरह अगर देखा जाए तो पिछले दो साल में आवेदन की संख्या बढ़ी है।

गौरतलब है कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर विवाद के साथ ही यह आशंका जताई जा रही थी कि ना जानें इस कांड से जेएनयू की छवि धूमिल न हो जाए।अफजल गुरु की बरसी पर शहादत दिवस मनाने के कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए गए थे। नामांकन निदेशक भूपिन्दर जुत्शी ने कहा, ‘‘प्राप्त किए गए आवेदनों की संख्या सीटों की संख्या का 28 गुना है। यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वालों के बीच कितनी प्रतिस्पर्धा है।’

यह पूछे जाने पर कि आवेदनों की संख्या में कमी आने का संबंध क्या हालिया विवाद से है, अधिकारी ने कहा कि हाल के वर्षों में तीन से चार हजार आवेदनों का उतार चढ़ाव होता रहा है। किसी साल की प्रकृति को किसी खास कारण से नहीं जोड़ा जा सकता।

विश्वविद्यालय के नामांकन विभाग के अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रमों के तहत 2700 सीटों के लिए 76,091 आवेदन मिले हैं। आवेदन की अवधि पिछले हफ्ते खत्म हुई है और प्रवेश परीक्षाएं अगले महीने आयोजित होंगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े सिर्फ संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए मिले आवेदनों के हैं। आवेदन के लिए दो अन्य श्रेणियां भी हैं।

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