क्या आप भी मानते हैं बिल्ली से जुड़े इन अंधविश्वासों को
एजेन्सी/ वर्तमान में लोग घरों में बिल्लियों को भी पालतू जानवर के रूप में पालने लगे हैं हालांकि कुछ ज्योतिषी इसे अशुभ बताते हुए इसका विरोध करते हैं। आइए जानते हैं बिल्ली से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथक और सच-
घर में बार-बार बिल्ली का आना है अशुभ
नारद पुराण के अनुसार यदि बिल्ली बार-बार घर में आ रही है तो यह किसी बड़ी अशुभ घटना होने का संकेत है। नारद पुराण के अनुसार बिल्ली नकारात्मक ऊर्जा की तरफ आकर्षित होती है और ऐसी ऊर्जा अनिष्ट का ही कारण बनती है। इसी वजह से बिल्ली का तंत्र-मंत्र में भी प्रयोग किया जाता है।
पालतू बिल्ली घर छोड़कर भाग जाए
माना जाता है कि जानवरों में सिक्स्थ सेंस अति सक्रिय होती है। बिल्लियों को भी होने वाली घटनाओं को पूर्वाभास हो जाता है। यदि पालतू बिल्ली भी बिना किसी कारण से अचानक ही घर छोड़कर चली जाए तो समझ लेना चाहिए कि घर में जल्दी ही कोई अशुभ घटना होने वाली है।
बिल्ली पालने से टलता है राहू का अशुभ असर
लाल किताब में बिल्ली को राहू का प्रतीक बताया गया है। जिनकी कुंडली में राहू अशुभ है या बुरा फल दे रहा है। उन्हें राहू के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए बिल्ली पालने का उपाय बताया जाता है। परन्तु इस उपाय को किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह पर ही करना चाहिए।
बिल्ली से जुड़े शकुन-अपशकुन
(1) यदि किसी यात्रा के लिए निकल रहे हो तथा सामने से मुंह में चूहे या अन्य किसी जानवर को दबाए बिल्ली दिख जाए तो इसे अत्यन्त शुभ माना जाता है।
(2) बिल्ली का घर में बच्चों को जन्म देना अत्यन्त शुभ माना जाता है। मानना चाहिए कि उस घर के अच्छे दिन आ गए हैं।
(3) दीवाली पर बिल्ली का बच्चे सहित घर में आना साक्षात लक्ष्मी के आने का शकुन माना जाता है। उस दिन घर आई बिल्ली को यथासंभव दूध पिला कर विदा करना चाहिए।
(4) यात्रा पर निकलते समय बिल्लियां लड़ती हुई दिखें या कर्कश आवाज करती हुई सुनाई दें तो इसे अच्छा नहीं माना जाता।
(5) अगर कहीं जाते समय काली बिल्ली बाईं ओर से रास्ता काटते हुए दाईं ओर जाएं तो इसे अशुभ माना जाता है परन्तु यदि बिल्ली दाईं ओर से बाई ओर जाएं तो यह निश्चित ही शुभ संकेत है।