नई नहीं है पीएम मोदी की कौशल विकास योजना
नई दिल्ली। किसी भी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कौशल और ज्ञान दो प्रेरक बल हैं। वर्तमान वैश्विक माहौल में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुख्य चुनौती से निपटने में वे देश आगे हैं जिन्होंने कौशल का उच्च स्तर प्राप्त कर लिया है। ये बात आज गांधी पीस फाउंडेशन नई दिल्ली में हुए एक सेमीनार के तहत अंबेडकर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एम ए सिकंदर ने कही।
कौशल विकास योजना पर केंद्रित सेमीनार
ये स्किल इंडिया सेमीनार एनजीओ मुमुक्षा के तत्वावधान में हुआ। यह सेमीनार देश के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए पीएम मोदी द्वारा चलाई गई कौशल विकास योजना पर केंद्रित रहा। सेमीनार में अंबेडकर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने कहा कि एन.डी.ए. सरकार द्वारा शुरु की गयी कौशल भारत– कुशल भारत योजना नयी योजना नहीं है इससे पहले यू.पी.ए. सरकार ने भी स्किल डेवलप स्कीम को शुरु किया था। यू.पी.ए. सरकार ने, वर्ष 2022 तक लगभग 500 मिलियन भारतीयों में कौशल विकास करने के लक्ष्य को रखा था।
उन्होंने आगे बताया कि एन.डी.ए. सरकार द्वारा इस लक्ष्य को बढ़ा कर 40 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना में न केवल उद्यमी संस्थाओं को जोड़ा हैं बल्कि, पूरे भारत में कार्यरत सभी गैर-सरकारी संस्थानों से भी संबंध स्थापित किया है। इससे पहले ये योजना 20 मंत्रालयों द्वारा संचालित की जाती अब मोदी सरकार ने इसे एक मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है, जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
एम ए सिकंदर ने आगे कहा कि न केवल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम नया हैं, बल्कि इसका मंत्रालय और उद्देश्य भी नये है। पहले ये 20 अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाता था अब सभी को एक साथ कर दिया गया है। इस तरह ये योजना पूरी तरह से नयी है जो न केवल नये अवसरों, क्षेत्र और स्थानों में कौशल विकास को करती है बल्कि जिन क्षेत्रों में कौशल विकास की संभावनाएं हैं उन्हें ढूँढती भी है। इस नये मंत्रालय (कौशल और उद्यमिता विकास मंत्रालय) की भूमिका इन 20 मंत्रालयों के समन्वय के साथ खत्म नहीं होती बल्कि ये कौशल विकास पर चलायी जा रही सभी योजनाओं के लिये जवाब देय भी है।
उन्होंने कहा कि भारत में दस साल की कांग्रेस पार्टी के सत्ता शासन के बाद 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ विजय प्राप्त की और इस जीत का श्रेय उस समय के गुजरात मुख्यमंत्री, वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। मोदी सरकार ने 2014 से ही सत्ता में आने के बाद से भारत के विकास के लिये अनेक कार्यक्रम शुरु किये जैसे डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि।