कौन कहता है‍ कि रोबोट के पुतलों में जज्‍बात नहीं होते, दिल चुरा ले गई ‘नन्ही नेओ’

नई दिल्‍ली। मंच पर प्रोफेसर रोबोट तकनीक पर बहस कर रहे थे। चिंता जता रहे थे कि रोबोट आने वाले दौर में इंसानों से रोजगार छीन लेंगे। यह भी कहा गया कि रोबोट युग में इंसानी जज्बात और नैतिकता खत्म हो जाएगी। डिस्कशन समाप्त होने तक वाकई रोबोट को विलेन साबित कर दिया गया था।

लेकिन तभी एक प्यारा सा सरप्राइज आया। गंभीर वार्ता तालियों की गड़गडाहट में बदल गई। सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई। सबने देखा कि रोबोट बिरादरी का बचाव करने के लिए खुद एक रोबोट चलकर स्‍टेज पर आ गया। इसके बाद उसने ऐसा नजाकत व नफासत दिखाई कि सबकी बोलती बंद हो गई।

दो फीट कद की फाइबर बॉडी वाली नेओ स्टेज पर आई और आते ही उसने श्रोताओं से हैलो बोला। फिर टेबल पर चल कर दिखाया। और फिर जैसे ही ट्रेनर ने कहा, प्लीज डांस तो फिर वह गंगनम स्‍टार की धुन पर प्यारे प्यारे स्टेप्स लेने लगी।

दर्शकों का उत्साह ऐसा था कि कुर्सियों पर बैठे लोग सीट छोड़कर स्टेज के पास इकट्ठे हो गए। शो की एनाउंसर माइक भूलकर नेओ के करतब देखने लगी। रोबोट कल्चर की आलोचना करने वाले इंटेलेक्चुअल आंखे फाड़कर इस नन्ही रोबोट को देखने लगे।

सबसे ज्यादा कौतुहल तब हुआ जब नेओ ने अपने ट्रेनर से नाराजगी जताई। उसने कहा कि — यू आर नॉट गिविंग मी एनी थिंग … प्लीज गिव मी सम गिफ्ट……।

फिर  ट्रेनर ने कहा,  नेओ लाई डाउन …। इतना सुनते ही नन्ही नेओ टेबल की सतह पर पसर गई। फिर कहा कि नाऊ प्लीज स्टैंड अप। यह सुनकर नेओ ने पूछा, यू वांट मी टू स्टैंड अप? ओके ‌हिअर आई गो…..।

नन्ही रोबोट नेओ ने इस कान्‍क्लेव को यादगार बना दिया। उसने रोबोट के डर को ही खत्म कर दिया। अपने दस मिनट के जलवे से उसने उन सब लोगों के मुंह बंद कर दिए जो कह रहे थे कि रोबोटों में और मशीनों में भावनाएं नहीं होतीं।

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