कोविड से जुड़ी दवाओं के लिए बनेगा लाइव डैशबोर्ड, केंद्र सरकार ने बनाई योजना

अभिनव त्रिपाठी

भारत सरकार ने कोविड-19 से जुडी दवाओं की हो रही कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड बनाने की तैयारी में जुटा है। देश भर में इन दवाइयों की उपलब्धता कहाँ है इस डैशबोर्ड के जरिए ही आसानी के साथ पता चल जाएगी। आपको बता दे की देश भर में आई पिछली दो लहरों में कोविड से जुडी नकली दवाइयों की खूब कालाबाजारी की गई थी और बहुतायत मात्रा में नकली दवाइयों की बिक्री भी की गई थी। पूरे देशभर में इन दवाओं का कोई तय दाम नहीं था। विक्रेता जैसे पाते थे वैसे ही दवाइयां बेंच देते थे। आपको बता दे कि रेमेडिसिविर (Remdesivir) जैसी दवाओं की कीमत मात्र 3400 रुपए है और बाजार में इसकी कीमत 15000 से लेकर 60000 रुपए तक हो गई थी।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच इस पर नियंत्रण रखने के लिए नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) है जो फार्मास्युटिकल विभाग (डीओपी) के तहत कार्य करती है। जो की रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत आती है। उसने इस पर काम करने के लिए एक योजना तैयार की है। जिसके जरिए स्टॉक और बिक्री की सीधी जानकारी लोगों को मिल जाएगी। एनपीपीए लाइव डैशबोर्ड के जरिए के जरिए कोविड उपचार के लिए बनी हुई 9 अहम दवाइयों पर नजर रखी जाएगी ताकि कालाबाजारी पर रोक लग सके।

जितनी भी दवा निर्माता कम्पनियां है उन सब को इस पोर्टल पर दवा से संबंधित जानकारी अपलोड करनी पड़ेगी। दवा का उत्पादन , वितरण और कितना उत्पादन अभी जारी है इसकी सूचना देनी होगी। दवा निर्माताओं को नियमित तरीके से इस पर अपडेट करना होगा। कोविड के उपचार के अंतर्गत आने वाली जिन दवाओं को इसकी श्रेणी में रखा गया हैं वो एंटीपायरेटिक, एंटी-एलरजिक, एंटीटसेसिव( बलगम खत्म करने वाली), एंटी बायोटिक, एंटी इन्फ्लामेंट्री, वाइटेमिन, मिनरल्स, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, और एंटीवायरल जैसी दवाइयां है।

LIVE TV