कोरोना वैक्सीन में ‘पोर्क’ को लेकर एस्ट्राजेनेका ने पेश की सफाई, कहा- इसमें ऐसा कुछ भी नहीं!

दुनिया भर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के दावे भी सामने आ रहे हैं। लोगों का मानना है कि एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन में पोर्क (सुअर का मांस) का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि कुछ दिनों बाद मुस्लमान भाइयों का पाक पर्व रमजान आने वाला है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर वह पोर्ट के इस्तेमाल से बनी कोरोना वैक्सीन लगवाते हैं तो उनका रोजा बाधित हो जाएगा। इसी संशय को दूर करते हुए एस्ट्राजेनेका की ओर से बीते दिन यानी रविवार को कोविड-19 के टीके में पोर्क के इस्तेमाल को लेकर अपनी सफाई पेश की।

अपनी कोरोना वैक्सीन में पोर्क के इस्तेमाल को लेकर कंपनी ने दावा करते हुए कहा कि उनकी वैक्सीन में ऐसा कुछ भी नहीं है। मुस्लिमों को इस से चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। जानकारी के लिए आपक बता दें कि दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया ने वैक्सीन में पोर्क होने का दावा किया था। यदि बात करें इंडोनेशिया के उलेमा काउंसिल की तो उसने टीके में पोर्क के इस्तेमाल होने का दावा किया है। इसके बाद उलेमा काउंसिल ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर टीके को हराम करार देकर इंडोनेशियाई मुसलमानों से इसका इस्तेमाल न करने को कहा है। इसी पर एस्ट्राजेनेका कंपनी ने अपनी सफाई दी की उसकी वैक्सीन बनाने के दौरान किसी भी प्रकार से पोर्क का इसेमाल नहीं किया जाता।

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