आइसक्रीम पार्लर सेक्सकांड की सीबीआई जांच नहीं

कोझीकोड सेक्सकांडनई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता वी. एस. अच्युतानंदन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोझीकोड सेक्सकांड मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। केरल में 1990 के दशक के इस कथित सेक्स रैकेट में कोझीकोड के एक आइसक्रीम पार्लर की भी संलिप्तता थी।

कोझीकोड सेक्सकांड

मीडिया ने तब इसे आइसक्रीम पार्लर सेक्स केस के रूप में प्रचारित किया था। कई कम उम्र की लड़कियां इस रैकेट की शिकार हुई थीं। अच्युतानंदन ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के बाद वर्ष 2013 के अक्टूबर में यह याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी।

अच्युतानंदन इस मामले को इसलिए उठा रहे हैं कि क्योंकि उनका मानना है कि इस मामले के प्रमुख अभियुक्त केरल के पूर्व मंत्री पी. के. कुन्हालिकुट्टी हैं।

वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री के रूप में अच्युतानंदन के कार्यकाल के अंत के समय कुन्हालिकुट्टी के एक करीबी रिश्तेदार के. ए. रउफ ने नया खुलासा किया था और मामला एक बार फिर से खुला था।

लेकिन, सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय न केवल याचिका खारिज कर दी बल्कि अच्युतानंदन पर यह कहकर नाराजगी जताई कि अदालत के बहुमूल्य समय का उपयोग राजनीतिक दुश्मनी साधने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अच्युतानंदन ने कहा कि आगे क्या किया जाना है, यह तय करने के लिए वह कानूनी विशेषज्ञों से राय लेंगे।

कुन्हालिकुट्टी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए संवाददाताओं से कहा, “यह उन तमाम मौकों में से एक है जब दो दशक से भी अधिक पुराने मामले से मुझे बेदाग घोषित किया गया है। मुझे अच्युतानंदन के खिलाफ कुछ नहीं कहना है और मैं यह भी जानता हूं कि इस मामले के पीछे केवल वह नहीं हैं, मैं सब जानता हूं। “

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