दुनिया की सबसे लंबी यात्रा का इस अद्भुत स्थान पर लें आनंद

कैलाश मानसरोवर यात्रा विश्व की सबसे लम्बी व पैदल धार्मिक यात्रा है। यह यात्रा अपने आप में अद्‌भुत व रोमांचकारी यात्रा है। किसी जमाने में इस यात्रा का आयोजन इसी क्षेत्र के लोगों की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन आज इस यात्रा का संचालन सरकार द्वारा किया जाता है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सफल संचालन करना सरकारों के लिए लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

कैलाश मानसरोव

कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रतिवर्ष विदेश मंत्रालय द्वारा जून से सितंबर तक दो भिन्नं मार्गों से आयोजित की जाती है। यह यात्रा अपने धार्मिक मूल्यों, सांस्कृतिक महत्व, रोमांचक प्राकृतिक के लिए प्रसिद्ध है। प्रति वर्ष सैकड़ों लोग इस यात्रा को करते हैं।

भगवान शिव का निवास स्थल होने के कारण हिंदुओं के लिए इसका विशेष महत्व है। साथ ही यह जैनियों और बौद्धों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह यात्रा केवल भारतीय नागरिकों के लिए है जो धार्मिक उद्देश्य से यात्रा पर जाना चाहते हैं, जिसके लिए भारतीय पासपोर्ट अनिवार्य है। कैलाश मानसरोवर यात्रा को भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन द्वारा एक ट्रैकिंग अभियान के रूप में मान्यता दी गई है।

यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पूर्व तैयारी और चिकित्सीय परीक्षण के लिए 3-4 दिन दिल्ली में ठहरना होता है। दिल्ली सरकार निशुल्क भोजन एवं आवास की सुविधाएं केवल यात्रियों के लिए प्रदान करती है।

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यह यात्रा 19,500 फीट तक की ऊंचाई के रास्ते से होकर गुजरती है इसलिए यह यात्रा शारीरिक एवं चिकित्सीय रूप से अस्वस्थ लोगों के लिए दुर्गम हो सकती है। अत्यधिक ठण्डे एवं बीहड़ इलाके सहित कई दुर्गम रास्तों् से होकर गुजरती है ये अमरनाथ यात्रा।

 

यात्री आवेदक ऑनलाइन पंजीकरण से पूर्व स्वास्थ्य और फिटनेस की स्थिति का निर्धारण करने के लिए कुछ बुनियादी मेडिकल परीक्षण करा सकते है।

 

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