केरल की इन खास जगहों पर अभी तक नहीं गए तो आज ही बना लें प्लान

केरल के बैकवॉटर यानि पानी के झरने 100 मिलियन से भी ज्‍यादा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। केरल राज्‍य में आज भी आयुर्वेद का चलन प्रचलित है और यहां पर उझिचिल और पिझिचिल उपचार शामिल हैं। यहां पर आयुर्वेद से अर्थराइटिस जैसे रोगों का इलाज किया जाता है। इकसे अलावा केरल में कई तरह के त्‍योहार भी मनाए जाते हैं और यहां हर नुक्‍कड़ और कोने में गिरजाघर या मस्जिद में कोई ना कोई त्‍योहार मनाया जा रहा होता है।

केरल

केरल में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं। अश्‍वगंधा, आमलकी, कटफल, ब्राह्मी, यश्तिमधु और संखुपुष्‍पम जैसी कुछ औषधीय गुणों से युक्‍त जड़ी-बूटियां केरल राज्‍य में मिलती हैं। इस जगह को स्‍वयं ईश्‍वर की धरती भी कहा जाता है। हरे-भरे पेड़ों, समुद्रतटों और सुहावने मौसम से सजा केरल पर्यटकों के लिए किसी जन्‍नत से कम नहीं है। इस उष्णकटिबंधीय जगह पर आपको खाने के भी कई अलग-अलग तरह के व्‍यंजन भी मिल जाएंगे। तो चलिए जानते हैं केरल की बेहतरीन जगहों के बारे में।

अलेप्‍पी अलेप्‍पी में रहने की व्‍यवस्‍था बहुत बढिया मिलती है। यहां पर आपको हॉस्‍टल या होमस्‍टे में ठहरने की सुविधा आराम से मिल जाएगी लेकिन अलेप्‍पी आ रहे हैं तो आपको किसी होटल की जगह हाउसबोट में रहने का मज़ा लेना चाहिए। बैकवॉटर्स के बिलकुल नज़दीक हाउसबोट में रहने का आनंद ही कुछ और होता है।

अलेप्‍पी की संकरी सड़कों से गुज़रने के लिए आप कैनोइ राइड भी ले सकते हैं। अलेप्‍पी को पूर्व का वेनिस कहा जाता है। धूप से बचने के लिए शिकारा राइड भी बढिया रहेगी। इसके अलावा हाउसबोट में लंच, डिनर और रात को रूकने की सुविधा भी उपलब्‍ध है।

तो अगर आप अलेप्‍पी आएं तो किसी होटल में रूकने की बजाय हाउसबोट का मज़ा लें। यहां की स्‍थानीय शराब भी बहुत मशहूर है। मसालेदार खाना पसंद है तो आपको अलेप्‍पी में खाने का स्‍वाद जरूर चखना चाहिए। केरल के व्‍यंजनों में अलग ही मसाले डाले जाते हैं। इसके अलावा अलेप्‍पी में कई मंदिर और गिरजाघर देख सकते हैं।

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कोच्चि अगर एयरपोर्ट पर उतरते ही आपको थकान महसूस हो रही है तो अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक फोर्ट कोच्चि में आप आराम फरमा सकते हैं। यहां के पारंपरिक रीति-रिवाज़ आपको स्‍थानीय लोगों के बारे में जानने में मदद करेंगे।

कोच्चि के समुद्रतटों पर मछली और समुद्री जीव पकड़ने के लिए चीनी फिशिंग नैट लगा रहता है जोकि पर्यटकों का सबसे ज्‍यादा ध्‍यान अपनी ओर खींचता है। कोच्चि में ऐसे कई दर्शनीय स्‍थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। भारत का पहला यूरोपियन चर्च सैंट. फ्रांसिस चर्च भी कोच्चि में स्थित है।

इसके अलावा बाज़ार रोड़ पर आप दुनिया के बेहतरीन मसालों से परिचित होंगे। शाही डच महल में कोच्चि के राजा रहते थे और यहां पर एक आराधनालय भी है जोकि राष्ट्रमंडल देशों की पूरी सूची में एकमात्र सक्रिय आराधनालय है। घूमने के अलावा श्रीकृष्‍णा कैफे में आप डोसा का स्‍वाद चख सकते हैं और पैलेस रोड़ से सांता क्रूज़ बसिलिका तक और फोर्ट कोच्चि तट का नज़ारा भी पर्यटकों को आनंदित कर देता है।

केरल

मुन्‍नार फोर्ट कोच्चि से आप वॉल्‍वो बस में मुन्‍नार आ सकते हैं। कोच्चि से मुन्‍नार 6 घंटे की दूरी पर स्थित है। ईरनाकुलम से हर घंटे मुन्‍नार के लिए सीधी बस मिलती है। मुन्‍नार शहर आसान और मुश्किल ट्रैकिंग के लिए भी जाना जाता है।

यहां पर चाय की फैक्‍ट्री, कैंपिंग, ट्रैकिंग और एडवेंचर का मज़ा ले सकते हैं। एडवेंचर के अलावा फोटो खींचने के शौकीन लोगों को भी मुन्‍नार में सब कुछ मिलेगा। कोच्चि से मुन्‍नार के रास्‍ते में आपको ऐसी कई खूबसूरत जगहें दिखेंगी जिन्‍हें देखकर आपका मन खिल उठेगा।

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यहां मट्टुपेट्टी और देवीकुलम बहुत मशहूर है। इन जगहों से आसपास का शानदार नज़ारा देखने को मिलता है और यहां पर आप बोटिंग का मज़ा भी ले सकते हैं। केरल वन विभाग द्वारा मीसापुलिमाला ट्रैकिंग का आयोजन किया जाता है। सरवण भवन का स्‍वादिष्‍ट और शायद सबसे लंबा डोसा आपकी भूख को शांत करने के लिए काफी होगा। इकसे अलावा यहां कुछ रेस्‍टोरेंट भी हैं जिनमें से एक राप्‍सी भी है। इस रेस्‍टोरेंट की दीवारों पर यहां आए लोगों ने अपनी भाषा में कुछ संदेश लिख रखे हैं। अगर आप भी यहां आएं तो अपनी भाषा में इसकी दीवार पर एक मैसेज जरूर लिखें।

थेक्‍कड़ी
कोच्चि से थेक्‍कड़ी या पेरियार 165 किमी दूर है। अगर आपको कार चलाना पसंद है तो ये 4 घंटे का पेरियार वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य का रास्‍ता आपको जिंदगीभर याद रहेगा। नीलगिरी की रहस्‍यमयी पहाडियां और पेरियार झील में बोटिंग का मज़ा लेकर आप एक दम तरोताजा महसूस करेंगे। थेक्‍कड़ी के जंगलों में आप एलीफैंट राइड का भी मज़ा ले सकते हैं। यहां की जीप ड्राइव भी बहुत मशहूर है। शाम को केरल मार्शियल आर्ट शो होता है जिसे देखने के लिए भारी संख्‍या में पर्यटक यहां आते हैं।

कोवलम तिरुवंद्रम

एयरपोर्ट या रेल से कोवलम केवल 20 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप रोज़ाना की भागदौड़ भरी जिंदगी से उब गए हैं तो कोवलम में आपके मन को ताजगी और आराम जरूर मिलेगा। कोवलम के समुद्रतट, नारियल के पेड़ और वनस्‍पतियां यहां की खूबसूरती को दोगुना कर देते हैं। यहां पर आपको आयुर्वेदिक हीलिंग एक्‍सपर्ट की मदद से अपनी एनर्जी को भी बढ़ा सकते हैं।

वायनाड़ वायनाड़ से 53 किमी दूर नीलांबुर रोड़ सबसे निकटतम रेलवे स्‍टेशन है। देश के प्रमुख शहरों से वायनाड के लिए बस सुविधा उपलब्‍ध है। वायनाड का निकटतम हवाई अड्डा कैलिकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। वायनाड का ठंडा सुहावना मौसम और झरने, गुफाएं, झीलें और बांध पर्यटकों के मन को मंत्रमुग्‍ध कर देते हैं। यहां पर स्थित मुथंगा वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य में डीयर, बिसोन, चीता और भालू भी देख सकते हैं। वायनाड़ के जंगलों में ट्री हाउस पर्यटकों को सबसे ज्‍यादा लुभाते हैं। इसके अलावा यहां चाय, कॉफी, इलायची और मसालों का उत्‍पादन भी किया जाता है।

त्रिवंद्रम
ये राजधानी शहर अपनी संस्‍कृति के लिए जाना जाता है। यहां पर आज भी सांस्कृतिक विरासत और शानदार वास्तुकला की विशिष्टता को आप देख सकते हैं। तेजी से हो रहे शहरी विकास का असर त्रिवंद्रम की संस्‍कृति पर अब तक नहीं पड़ा है। कोवदियार पैलेस में आपको शाही रहन-सहन और शान देखने को मिलेगी। यहां पर त्रावणकोर के शाही परिवार को जानने का अवसर भी पर्यटकों को मिलता है।

वरकाला पर्यटकों को वरकाला समुद्रतट बहुत पसंद आता है। केरल की ये जगह बहुत सुंदर है और शायद यही वजह है कि वरकाला तट पर पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। त्रिवंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वरकाला महज़ 40 किमी दूर है और आपको अलेप्‍पी से बस भी मिल सकती है। वरकाला में आप योग का आनंद भी ले सकते हैं। इकसे अलावा वॉटर स्‍पोर्ट्स के लिए भी वरकाला बहुत मशहूर है। वरकाला के दूध से सफेद पानी को देखकर ही पर्यटकों का मन खुशी से भर जाता है। सनसैट के मनोरम दृश्‍य और सर्फिंग का मज़ा भी यहां ले सकते हैं।

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