केरल : मुख्यमंत्री, मंत्रियों व येचुरी ने आरबीआई के सामने किया प्रदर्शन

केरलतिरुवनंतपुरम: केरल में अपनी तरह के पहले प्रदर्शन में मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के समक्ष प्रदर्शन का नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री के साथ 17 कैबिनेट मंत्री और केरल में सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने भी प्रदर्शन में भाग लिया।

विजयन और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं ने शहीद स्तंभ से मार्च निकाल आरबीआई तक गए। उन्होंने केंद्र सरकार के नोटबंदी अभियान से सहकारी बैंकों को अलग करने की निंदा की।

राज्य सरकार केंद्र के इस कदम को एक ‘अन्याय’ के रूप में देखती है। उसका मानना है कि यह कदम केरल में सहकारी बैंकों के अस्तित्व को खत्म करने वाले जैसा है।

दिन भर के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए विजयन ने कहा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र केरल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। यह नियमों के तहत बेहतर कार्य करते हैं, लेकिन इनमें वाणिज्यिक बैंकों की तरह तामझाम नहीं है।

माकपा नेता ने कहा कि सहकारी बैंक आम आदमी के दोस्त हैं क्योंकि यह बिना किसी झंझट के उन्हें कर्ज देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इन सहकारी बैंकों में जमा आधार राशि एक लाख करोड़ से ज्यादा है और यह बैंकिंग प्रणाली आम लोगों की जरूरत के समय हमेशा खरी उतरी है। ”

भाजपा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का आरोप हैं कि ये बैंक कालेधन से भरे हुए हैं।

विजयन ने भीड़ से पूछा, “जो लोग मेरे सामने खड़े हैं क्या आप में से किसी ने इन बैंकों में काला धन जमा किया है? ”

भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों से 500 और 1000 रुपये के नोटों के स्वीकार करने या आदान-प्रदान के अधिकार की सुविधा को वापस ले लिया है।

केरल में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की त्रिस्तरीय प्रणाली है। यहां करीब 1,600 प्राथमिक सहकारी बैंक 14 जिला बैंकों से जुड़े हैं। जिले के बैंक शीर्ष केरल राज्य सहकारी बैंक (केएससीबी) से जुड़े हुए हैं।

विजयन ने कहा कि वह और उनके वित्त मंत्री थामस इस्साक ने स्थिति की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली को दी, हमें लगता हैं कि उन्हें हमारी बात समझ में आई है।

उन्होंने कहा कि लेकिन, जैसे ही यह बात सामने आई, राज्य में भाजपा ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि ये बैंक कालेधन से भरे हुए हैं। इसके बाद रिजर्व बैंक ने इन सहकारी बैंकों को दी सुविधा वापस ले ली। यह और कुछ नहीं बल्कि बहुत गहरी साजिश है।

पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने केरल सरकार के विरोध प्रदर्शन का स्वागत किया है।

चांडी ने कहा, “हम सहकारी बैंकों के संरक्षण के लिए उठाए गए किसी भी कदम का सहयोग करेंगे। हम इस मुद्दे पर उनके साथ हैं। ”

भाजपा का कहना है कि प्राथमिक समितियां जमा राशि स्वीकार करते समय आरबीआई के दिशा निदेर्शो का पालन नहीं करतीं।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव, येचुरी ने केरल के लोगों और सरकार द्वारा इस तरह के विरोध प्रदर्शन के लिए सराहना की।

येचुरी ने कहा, “हमें इस विरोध प्रदर्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अराजक नीतियों को खत्म करने के लिए देश के बाकी हिस्सों में आगे ले जाना होगा। ”

उन्होंने कहा कि पार्टी सभी राजनीतिक दलों के साथ इस मामले पर चर्चा कर रही है। सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों की वापसी का फैसला जल्दबाजी में लिया है।

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