नकदी संकट से जूझ रहे केरल को ओणम के लिए चाहिए 7000 करोड़ रुपये

केरल को ओणमतिरुवनंतपुरम| केरल नकदी संकट के बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। केरल को ओणम के इस मौसम में सात हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का भुगतान करना है। राज्य के वित्त विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने यहां यह बात कही। ओणम त्योहार यहां पूरे राज्य में सभी समुदाय मनाते हैं। राज्य सरकार एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को या तो बोनस का भुगतान करना है या त्योहार मनाने के लिए अग्रिम राशि देनी है।

इस बार अबतक राज्य सरकार के कर्मचारियों को कोई अग्रिम वेतन भुगतान या त्योहार का बोनस नहीं मिला है।

हिंदुओं के चंद्र पंचांग के अनुसार, इस बार ओणम सितंबर के दूसरे हफ्ते में पड़ रहा है।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि वेतन, बोनस, पेंशन और पेंशन बकाया का भुगतान किया जाना है, इसलिए सरकार के लिए यह बहुत कठिन काम है।

अधिकारी ने बताया, “हमलोग पहले ही दो हजार करोड़ रुपये का बांड जारी कर चुके हैं। यह एक रूटीन मामला है, जब भी नकदी संकट होता है तो भारतीय रिजर्व बैंक को इसके लिए सहमति देनी होती है।”

बाकी सब तब सही होगा, जब विभिन्न कल्याण निधि वाले बोर्ड कर्ज लेंगे।

यह भी एक आम प्रचलन है कि कर्ज और ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी। बाकी राज्य के अपने संसाधन से आएगा।

उस अधिकारी ने इस संकट के एक खास कारण का उल्लेख करते हुए कहा कि पैसे की जरूरत बहुत अधिक इसलिए है कि कृषि, वृद्धावस्था, विधवा और भी बहुत सारे पेंशन का करीब 37 लाख पूर्व कर्मचारियों एवं अन्य व्यक्तियों को बकाया भुगतान करना है।

अधिकारी ने आगे कहा, “राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की पहले की सरकार ने कुछ महीने का पेंशन बकाया छोड़ गई है। जून से पिनरई विजयन की सरकार ने सभी पेंशन को न्यूनतम बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह कर दिए हैं।”

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