आज से खुलनी थी केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा, इस बड़ी वजह से लगाई गई रोक

आज केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा की निविदा खुलनी थी, लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।

बता दें कि 9 जून 2016 से केदारघाटी पर हेलीपैड बनाने पर आजीवन प्रतिबंध लगा हुआ था। इस बाबत उत्तराखंड सरकार ने जीओ जारी किया था। वह जीओ केंद्र सरकार को भी भेजा गया था। नागर विमानन महानिदेशालय के नियमों के अनुसार केदारघाटी के बहुत संकरा होने के कारण वहां एक समय के केवल छह हेलीकॉप्टर ही उड़ सकते हैं। (तीन आने के लिए और तीन जाने के लिए) जिसके लिए घाटी में 14 हेलीपैड बनाए गए हैं।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा

नागरिक उड्डयन विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता राजीव दर ने बताया कि घाटी में हेलीपैड बनने पर आजीवन प्रतिबंध होने के बाद भी चार और हेलीपैड अवैध तरीके से बन रहे थे। जिसकी जानकारी उन्होंने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल से आरटीआई में मांगी। आरटीआई के जवाब में जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने कहा था कि उन चारों हेलीपैड को नष्ट कर दिया जाएगा।

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राजीव दर ने बताया कि फरवरी माह में घाटी में हेलीपैड बनाने के लिए निविदा मांगी गईं। निविदा में पहले घाटी में 14 हेलीपैड होने का जिक्र था जो बाद में बढ़कर 18 हो गए। इस बाबत उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए आज कोर्ट ने निविदा प्रक्रिया पर रोक लगाकर इस संबंध में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। राजीव दर कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद अचानक घाटी में 14 से 18 हेलीपैड कैसे बन गए।

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