जेटली से पंगा पड़ गया केजरीवाल को महंगा, कीमत चुकाने के नाम से ही सूख गई हलक!

केजरीवाल बर्बादनई दिल्ली। विवादों की लहर में झूलने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर मुसीबत में आ गए हैं। आशंका है कि इस बार पूरी तरह से केजरीवाल बर्बाद होने की कगार पर पहुँच गए हैं। दरअसल उन्हें वित्तमंत्री अरुण जेटली से बगावत महंगी पड़ गई। बता दें वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी (आप) के छह नेताओं पर मानहानि का मुकदमा किया है। केस के मामले में वकील जेठमलानी ने केजरीवाल को 3.8 करोड़ रुपये का बिल भेजा है।

केजरीवाल बर्बाद होने की कगार पर!

वकील राम जेठमलानी द्वारा उनका केस लड़ने पर मांगी गई फीस के चलते केजरीवाल सरकार पर सवाल उठे हैं।

राम जेठमलानी ने केजरीवाल को 3.8 करोड़ रुपये का बिल भेजा है। इसके तहत उन्‍होंने एक करोड़ रुपये रिटेनरशिप के और 22 लाख प्रत्‍येक पेशी के मांगे हैं।

इस हिसाब से तो केजरीवाल के लिए यह मुकदमा जेटली की ओर से मांगे गए मुआवजे से भी महंगा पड़ जाएगा।

अरुण जेटली ने अपनी छवि को खराब करने का आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल से 10 करोड़ रुपये मांगे थे।

जेठमलानी के एक पेशी के 22 लाख रुपये के हिसाब से तो केस के दौरान उनका बिल 10 करोड़ के पार चला जाएगा।

उदाहरण के तौर पर जेठमलानी की फीस 22 लाख रुपये है। यानि अगर 30 बार पेशी होती है तो यह रकम 6.6 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस तरह कुल रकम 10 करोड़ रुपये से ऊपर जाती है।

हालांकि वकील जेठमलानी की ओर से कहा गया है कि वे अपने गरीब मुवक्किलों को फ्री में सेवा देने को तैयार हैं। लेकिन केजरीवाल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

जेठमलानी ने फीस का मुद्दा सार्वजनिक करने का आरोप अरुण जेटली पर ही लगाया है। उन्‍होंने कहा कि जेटली उनके सवालों से डर गए हैं और इसलिए उन्‍होंने फीस की बात को मीडिया में बता दिया।

जेटली ने दिसंबर 2015 में अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढ़ा सहित छह आप नेताओं पर मानहानि का केस किया था।

आप नेताओं ने जेटली पर आरोप लगाया था कि जेटली ने दिल्‍ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष के 13 साल के कार्यकाल में कई वित्‍तीय गड़बडि़यां कीं। इस पर जेटली ने सबूत पेश करने को कहा था। इसी मामले में जेठमलानी केजरीवाल की पैरवी कर रहे हैं।

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