केंद्र सरकार ने किसानों की खुशी के लिए उठाया ये कदम, जिसका सफर होगा बेहद सुहाना

देश में गैर बासमती धान का उत्पादन करने वाले किसानों के अच्छे दिन आने वाले हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे किसानों को धान का निर्यात करने पर पांच प्रतिशत इंसेंटिव देने का फैसला लिया है। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम करते हुए पहली बार एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट नीति बनाई है। ऐसे में गन्ने पर निर्भर रहने वाले वेस्ट यूपी के किसानों के लिए चावल उत्पादन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।

केंद्र सरकार

वेस्ट यूपी में बासमती-गैर बासमती धान के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। गैर बासमती धान के निर्यात पर पांच प्रतिशत इंसेंटिव मिलने से मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और बिजनौर समेत अन्य जिलों के किसानों को लाभ होगा। इन जिलों में भंडारण केंद्र बनाया जाएगा। यहीं से चावल को खेत से लाने, तौलने और निर्यात करने संबंधी तमाम व्यवस्था भी की जाएगी।

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बढ़ेगा विदेशी मुद्रा कोष
अब तक होता ये था कि निर्यात अधिक होने पर किसान को चावल का रेट कम मिलने लगता था, क्योंकि चावल अधिक हो जाता था और उसको निर्यात करने की एक लिमिट होती थी। लेकिन नई नीति के तहत चावल के रेट कम नहीं किए जाएंगे, न ही निर्यात पर एक सीमा के बाद बैन लगाया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स (वाणिज्य मंत्रालय) के तहत एक टीम का गठन किया गया है, जो सारी व्यवस्था बनाएगी और समस्याओं को दूर करेगी। इसके साथ ही हर सप्ताह मॉनिटरिंग भी करेगी। पहली बार सभी देशों के दूतावास में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट सेल भी बनाई गई है। यह सेल यह देखेगी कि भारत से उस देश को और क्या निर्यात किया जा सकता है, जिसका अच्छा दाम किसानों को मिल सके, साथ ही भारत सरकार के विदेशी मुद्रा कोष को भी बढ़ाया जा सके।

इन उत्पादों में आगे है भारत
मसाला, दूध, दाल, और चावल के निर्यातकों की सूची में भारत का पहला स्थान है। भारत से चावल का निर्यात 21 प्रतिशत है। 19 समुद्री उत्पाद हैं। जबकि 12.25 प्रतिशत एनिमल प्रोडक्ट (बफैलो मीट) और 8 प्रतिशत मसाले का उत्पाद निर्यात किया जाता है।

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वर्तमान में देश का कृषि निर्यात
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि देश से कृषि निर्यात वर्तमान में 38.2 बिलियन डॉलर का है। यह लक्ष्य 2022 में 60 बिलियन डॉलर रखा गया है। 2025 में लक्ष्य 100 बिलियन डॉलर का रहेगा।

भारत में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा बासमती के निर्यात से ही आती है। अब बासमती के साथ ही गैर बासमती के निर्यात को बढ़ाने पर सरकार का जोर है। आने वाले समय में गन्ना प्रोडक्ट के विदेशों में निर्यात पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य वेस्ट यूपी के गन्ना, आम, चावल उगाने वाले किसानों को संपन्न बनाना है। इसके लिए किसानों को समय-समय पर जागरूक भी किया जाएगा।

 

 

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