केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा, स्कूल छोड़ने वाले छात्र नहीं किए जाएंगे फेल

कोविड-19 के चलते 6 से 18 साल के स्कूली पढ़ाई बीच में छोडने वाले छात्रों को दोबारा पंजीकरण करके पढ़ाई से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखा है। पत्र में स्कूल छोडने वाले छात्र कों फेल करने के नियमों में ढील देने की भी सिफारिश की गई है। राज्यों को ऐसे छात्रों का पता लगाने के लिए घर-घर सर्वेक्षण करके उन्हें दोबारा स्कूल से जोडने की योजना भी बनानी होगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, स्कूल सर्वेक्षण को लेकर राज्यों को पत्र लिखा गया है। इसमें 2020 सत्र में बच्चों को फेल (अनुत्तीर्ण) करने के नियमों में भी ढील देने की सिफारिश की है। यह सिफारिश महामारी के दौरान प्रभावित हुए प्रवासी बच्चों की पहचान करने, प्रवेश देने और शिक्षा जारी रखने के उद्देश्य से की गई है।

कोरोना महामारी के चलते आर्थिक चुनौतियों का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। इसीलिए ऐसे छात्रों को स्कूली शिक्षा से जोडने के लिए उचित नीति बनाने की जरूरत है। इसके लिए राज्य सरकार घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगी।

यदि ड्रापआउट मिलता है तो उसका आसपास के स्कूल में दोबारा पंजीकरण करवाया जाएगा।  इसके अलावा राज्यों से ऐसे बच्चों के लिए पंचायतों के माध्यम से ऑनलाइन, रेडिया या टीवी के माध्यम से पढ़ाई से  जोडने की सिफारिश भी की गई है।

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