जब तक नहीं बनती रोड, यहां नहीं पड़ेगा एक भी वोट

कुशीनगर में मतदानकुशीनगरजोर-शोर से चल रही चुनावी तैयारियों के बीच कुशीनगर में मतदान का बहिष्कार करने का मामला सामने आया है। लोगों ने यहां मतदान से पूर्व अपनी मांगे रख दी हैं। इस मांग में मुख्य रूप से सड़क निर्माण को अहमियत दी गई है। गांव वालों ने इस बाबत जुलूस निकाल कर अपनी आवाज बुलंद की। लोगों का कहना है कि बिना रोड निर्माण के कोई यहां वोट नहीं डालेगा। इसी दिशा में प्रदर्शन के दौरान ‘पहले रोड, बाद में वोट’ के नारे भी लगाए गए।

कुशीनगर में मतदान नहीं…    

वोटिंग का बहिष्कार करने से पहले ग्रामीणों ने जूलूस निकालकर पूरे गांव में जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलित ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं ,पहले रोड बाद में वोट के नारे लगा रहे थे।

ग्रामीणों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 28 बी व अन्य प्रमुख बाजारों को जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह से बदहाल हैं।

इसके कारण तिनबरदहा ही नहीं करीब एक दर्जन गांवों के बीस हजार से ज्यादा लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।

बता दें बिहार प्रांत की सीमा पर स्थित कुशीनगर जनपद के खड्डा विधानसभा का गांव तिनबरदहा कभी गोरखपुर मंडल के प्रमुख ग्रामीण बाजारों में से एक हुआ करता था।

मशाला, जूट से निर्मित सामानों, बहरनी और आनंदी के चावल का बाजार करने गोरखपुर, देवरिया जनपद तक के व्यापारी यहां आया करते थे। परंतु आवागमन की असुविधा ने ऐसा कहर ढाया कि आज की तारीख में यह बाजार पूरी तरह से बर्बाद हो गया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग व क्षेत्र के प्रमुख बाजारों से जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह से बदहाल हो जाने के कारण तिनबरदहा और उसके आसपास के करीब एक दर्जन गांवों के बीस हजार से ज्यादा लोगों काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं सड़कों की इस बदहाली बरसात के दिनों में तो और भी बदतर हो जाती है। गांव वालों को अन्य प्रमुख बाजारों, अस्पतालों में जाने के लिए कोई भी विकल्प ही नहीं बचता।

गांव वालों का कहना है कि हर वार चुनावों के समय नेता नजर आते हैं और बड़े-बड़े वाडे करते हैं। इससे पहले भी कि दफा इस सड़क को दुरुस्त करने की डींगे हांकी गई थीं। लेकिन मतलब निकलने के बाद यहां की कोई खैर खबर लेने वाला नहीं होता है। इसलिए इस बार सभी ने पूर्णतया मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

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