कुलभूषण जाधव को भारत लाना तो दूर किसी से मिलने भी नहीं देगा पाकिस्तान!
इस्लामाबाद| पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि मौत की सजा पाए कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव से राजनयिक संपर्क का फैसला मामले की गंभीरता के आधार पर लिया जाएगा।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने संवाददाताओं से कहा कि जाधव पर पाकिस्तान के कानून के आधार पर मुकदमा चलाया गया और उनके बयान से देश में एक आतंकवादी नेटवर्क को पकड़ने में मदद मिली।
कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान का अड़ियल रुख कायम
जियो टेलीविजन के मुताबिक जकारिया ने कहा, “जाधव मामले में हमारे पास पहले से ही सबूत हैं।”
जासूसी करने तथा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के तहत जाधव को कथित तौर पर बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। वहीं भारत का कहना है कि उसे ईरान की राजधानी तेहरान से अगवा किया गया।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता अहसानउल्लाह अहसान ने हाल में एक कबूलनामे में पाकिस्तान में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की पाकिस्तान में मौजूदगी का खुलासा किया।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अहसान के कबूलनामे के वीडियो पर संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए जकारिया ने कहा कि टीटीपी के पूर्व प्रवक्ता के ‘बयान ने भारत के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया है।’
उन्होंने दावा किया कि अहसान ने टीटीपी के कमांडर खालिद खोरासानी के भारत में इलाज की बात को कबूल किया है, जो इस बात का सबूत है कि रॉ टीटीपी की मदद करता है।
उन्होंने कहा कि भारत तथा अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में आतंकवाद प्रायोजित करने में शामिल हैं।