कुर्सी ने रचाया मौत का खेल, अब तक ले चुकी है 50 से ज़्यादा लोगों की जान

कुर्सी, जिसका नाम सुनते ही हमें आराम का एहसास होने लगता है. कुर्सी पर बैठने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है. अब चाहे वह कुर्सी राजनीति की हो, या घर के मुखिया की ही क्यों न हो. आज लोग हर जगह सिर्फ कुर्सी के लिए ही मारा-मारी और साज़िशें रच रहे हैं. कुर्सी तो हमें आराम देती है ना… लेकिन क्या आपने कभी भी किसी ऐसी कुर्सी के बारे में सुना है जो जान लेती हो. पूरे विश्वास के साथ कहूँ तो मेरा दावा है कि आपने कभी भी ऐसी किसी भी कुर्सी के बारे में कभी नहीं सुना होगा. तो चलिए आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के म्यूजियम में रखी एक कुर्सी की. आज तक उस कुर्सी ने 50 से ज़्यादा लोगों की जान ली है.

कुर्सी

इंग्लैंड के म्यूजियम में रखी उस कुर्सी का मालिक थॉमस बस्बी था. थॉमस बस्बी को उनकी वह कुर्सी बहुत ही ज़्यादा पसंद थी. लेकिन सन् 1702 में उनके ससुर डैनियल ऑटी के उस कुर्सी पर बैठ जाने पर थॉमस बस्बी ने गुस्से में गला दबा कर उनकी जान ले ली. थॉमस ने उस कुर्सी को फांसी के लिए जाते वक्त श्राप दे दिया था. कहा जाता है कि सजायाफ्ता थॉमस बस्बी की आखिरी ख़्वाहिश थी कि वह मरने से पहले अपने पसंदीदा पब में अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठकर शराब पीएं. जब उसने ड्रिंक खत्म किया तो उसने कहा, ‘जो कोई भी मेरी इस कुर्सी पर बैठने की हिम्मत करेगा, उसकी मौत हो जाएगी.’ अब तक इस कुर्सी पर जो भी बैठा उसकी मौत हो चुकी है.

इस कुर्सी को दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त एक पब में रखा गया. इसके साथ ही इस श्रापित कुर्सी को ‘हॉट सीट’ का नाम दिया गया. इस कुर्सी पर जो भी बैठता था वह युद्ध के मैदान से वापस नहीं आता था. उसकी मौत हो जाती थी. साल 1967 में, रॉयल एयर फोर्स के दो पायलट उस कुर्सी पर बैठ गए, और वापस आते समय एक पेड़ से टकरा गए और उनकी मौत हो गई. कुछ साल बाद, दो ईंट बनाने वाले उस कुर्सी पर बैठने का फैसला किया. एक दोपहर उनमें से एक बैठा जिसमें उसकी मौत हो गई.

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छत बनाने वाला एक शख्स उस कुर्सी पर बैठा. इसके बाद जब वो छत बना रहा था तो वो गिर गया और उसकी मौत हो गयी. श्रापित कुर्सी पर बैठने के बाद मौत का सिलसिला यहीं नहीं रुका. सफाई करने के दौरान एक महिला गलती से इस कुर्सी पर बैठ गई जिसके बाद ब्रेन ट्यूमर से उसकी मौत हो गई.

एक व्यक्ति गलती से जब कुर्सी पर बैठा तो एक्सीडेंट में मौत हो गई. उसके बाद से पब मालिक ने कुर्सी को बेसमेंट के तहखाने में बंद कर दिया. लेकिन एक डिलीवरी मैन बेसमेंट में गया और उस पर बैठ गया. इसके एक घंटे बाद ट्रक से कुचलकर उसकी मौत हो गई. कुर्सी को में दे दिया गया कि उस पर कोई नहीं बैठेगा. कुर्सी को म्यूजियम में जमीन से पांच फीट ऊंचा टांग दिया गया.

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इस कुर्सी पर लोग नहीं बैठते हैं, लेकिन श्रापित कुर्सी की ताकत को लेकर नई-नई कहानियां लोगों के सामने आती रहती हैं. एक स्थानीय व्यक्ति के मुताबिक दो एयरमैन उस म्यूजियम में गए थे. एक ने कहा कि वो बाथरूम जा रहा है. दूसरा वहां इंतजार कर रहा था. इंतजार करने वाला शख्स गलती से उस कुर्सी पर बैठ गया. लेकिन जब उसका सहयोगी नहीं आया तो वो नाराज होकर वहां से उठ गया और अपनी बेस में चला गया. लेकिन फिर जब वो वापस आया तो दूसरे एयरमैन ने एक ईंट उठा ली और उस पर मारा जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी.

कहा जाता है कि मौत से पहले जो भी व्यक्ति उस कुर्सी पर बैठता था, उनके मुताबिक कुर्सी पर बैठने के बाद उन्हें खुजली और पागलपन के दौरे पड़ने लगते थे. फिर उन्हें अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई पड़ती थीं. दीवारों और शीशों पर मौत की लिखित चेतावनी भी देखने को मिलती थी.

हालांकि म्यूजियम में कुर्सी पर ऐसे लटकाया गया है कि कोई उसपर बैठ नहीं सकता है. जिसकी वजह से मौत का सिलसिला अब थम गया है. म्यूजियम अभी भी खुला हुआ है और वो कुर्सी अभी भी वहां पर रखी हुई है.

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