मीटबंदी का असर इंसानों के बाद मांसाहारी जानवरों पर, खूंखार बन नोंचने लगे

मीटबंदी का असरलखनऊ। प्रदेश में मीटबंदी का असर इंसानों के बाद मांसाहारी जानवरों पर भी पड़ने लगा है। मीटबंदी के बाद मांस न मिलने से आंवारा कुत्ते खुंखार हो रहे हैं। आवारा कुत्तों ने रात में घूम रहे एक मंदबुद्धि युवक को बुरी तरह नोच डाला। कुत्तों के हमले से युवक की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे परिजन युवक के शव को ले गए।

मीटबंदी का असर…

बिजनौर के मोहल्ला पीर शहीद काला निवासी जमाल अख्तर का 21 वर्षीय पुत्र शादमान मंदबुद्वि था और बोल नही पाता था। शनिवार की प्रात: करीब तीन बजे घर से बाहर घूमने निकल गया, जिसका परिजनों को पता नहीं चला। मौहल्लेवासियों के अनुसार मौहल्ले के पास ही मौहल्ला शीशग्रान हैं जहां पर आवारा कुत्तों का झुंड घूम रहा था।

कुत्तों ने शादमान पर हमला कर दिया। मगर बोल न सकने के कारण शादमान शोर नहीं मचा और न ही भाग सका। कुत्तों के हमले में बुरी तरह घायल शादमान की मौके पर ही मौत हो गई। सुबह को नमाज पढ़ने के लिए निकले मौहल्लेवासियों ने शादमान का शव रास्ते में पड़े देखा तो उसके परिजनों को जानकारी दी।

मौके पर पहुचें परिजन उसे निजी चिकित्सक के पास ले गये। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।आस पास के लोगों का कहना है कि नगर में मीटबंदी के बाद से आवारा कुत्ते मांस न मिलने के कारण खूंखार हो रहे रहे। कुत्तों के दिन प्रतिदिन ¨हसक होने से स्कूल जाने वाले छात्रों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में भय बना हुआ है।

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