किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण भी हैं ठप, भटक रहे मरीज

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के तीन विभागों में ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का संकट है। लिहाजा, रूटीन सर्जरी पर ताला लटक गया है। ऐसे में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण भी ठप हैं। मरीजों को लाखों रुपये खर्च कर निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने पड़ रहे हैं।

केजीएमयू के लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। ऐसे में यहां संचालित आर्थो पेडिक, पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक, स्पोर्ट इंजरी, गठिय रोग विभाग, पीएमआर विभाग को मुख्य कैंपस के विभिन्न भवनों में शिफ्ट कर दिया गया है। मगर, आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक, स्पोर्ट इंजरी के ऑपरेशन थियेटर शुरू नहीं हो सके। लिहाजा, मरीजों की हड्डी संबंधी रूटीन सर्जरी बंद है। इसके अलावा घुटना प्रत्यारोपण, कूल्हा प्रत्यारोपण भी नहीं हो रहा है। दूर-दराज से आ रहे मरीज को लौटकर वापस जाना पड़ रहा है। वहीं, कई मरीज लाखों रुपये खर्च कर निजी अस्पताल में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण करा रहे हैं।

ट्रॉमा में सिर्फ फ्रैक्चर के ऑपरेशन

आर्थोपेडिक विभाग के सिर्फ ट्रॉमा सेंटर में ऑपरेशन हो रहे हैं। यहां दुर्घटना में घायल मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। यहां एक आर्थोपेडिक की ओटी है। इसमें हर रोज तीन-चार मरीजों की सर्जरी की जाती है। वहीं फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

20 सीनियर डॉक्टर, चार थीं ओटी

आर्थोपेडिक विभाग में 18 सीनियर डॉक्टर हैं। इनके लिए चार ओटी थीं। वहीं स्पोर्ट इंजरी व पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग में एक-एक सीनियर डॉक्टर व एक ओटी रही। इसके अलावा तीनों विभाग में दर्जन भर से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर हैं। ऑपरेशन थियेटर न होने से स्टाफ आराम फरमा रहा है। वहीं सैकड़ों मरीज परेशन हैं।

क्या कहते हैं केजीएमयू प्रवक्ता ?

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, लिंब सेंटर में कोविड अस्पताल बन रहा है। यह जल्द शुरू हो जाएगा। इसके बाद कैंपस में जगह मिलने पर दूसरी सेवाएं शुरू की जाएंगी। जल्द ही समस्या का निस्तार हो जाएगा।

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