अब मंदिरों को देना होगा अपने धन का हिसाब

लखनऊ। पीएम मोदी के कालेधन पर हमलावर होने के बाद अब आयकर विभाग भी पूरी तरह से सतर्क हो गया है। आयकर विभाग ने अयोध्या में स्थित सभी प्रमुख मंदिरों और धार्मिक ट्रस्टों को आठ नवंबर तक की बैलेंसशीट जमा करने विभाग में जमा करने को कहा है। आठ नवंबर को शाम आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट उसी दिन रात 12 बजे से बंद करने की घोषणा की थी। आयकर विभाग को खबर मिली थी कि पीएम मोदी की घोषणा के बाद मंदिरों और ट्रस्टों के माध्यम से कालाधन सफेद कर रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग ने अयोध्या के पूर्व राजपरिवार द्वारा चलाए जाने वाले धार्मिक ट्रस्ट को भी आठ नवंबर तक का हिसाब पेश करने के लिए कहा।

कालाधन सफेद कर

आईटी कमिश्नर विजय कुमार ने अखबार को बताया, “हमने सभी धार्मिक ट्रस्टों को नोटिस भेजा है। जिन ट्रस्टों के खाते में गड़बड़ी पाई जाएगी उन पर कार्रवाई की जाएगी।”

अयोध्या के कई धार्मिक ट्रस्टों के वकील अनुज सिंघल ने टीओआई अखबार से कहा, “हम लोग आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।” पटेश्वरी देवी मंदिर धार्मिक ट्रस्ट के मैनेजर अभिजीत सिंह बिसेन ने कहा कि हम लोग परेशान नहीं है क्योंकि हम ईमानदारी से अपना आयकर रिटर्न भरते हैं।

कई मंदिरों ने भक्तों से अपील की है कि वो दानपेटियों में 500 और 1000 के बंद नोट न डालें ताकि उनके बैलेंशशीट में कोई गड़बड़ी न लगे। मनकामेश्वर मंदिर के महंत देव्या गिरि ने कहा, “मंदिरों के खातों का नियमित ऑडिट होता है लेकिन विमुद्रीकरण की वजह से एक बार फिर बहीखातों का ऑडिट किया जा रहा है।” कई स्थानीय मंदिरों में चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) नियमित जा रहे हैं और ट्रस्ट के खातों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

नोटबंदी की घोषणा के बाद इस तरह की खबरें लगातार आ रही हैं कि सोने की खरीदारी और मंदिरों-धार्मिक ट्रस्टों में दान देने के लिए कालेधन का प्रयोग किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर में 27 लाख रुपये से अधिक राशि 500 और 1000 के बंद नोटों के रूप में दानपेटी में आई। मंदिर को मिलने वाले दान में भी नोटबंदी के बाद 50 प्रतिश तकी बढ़ोतरी हो गई थी। सरकार ने मंदिरों को दानपेटी में आने वाली राशि को रोज गिनने और सरकार को सूचित करने के लिए कहा है।

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