जान प्यारी है तो खरीदें एयरबैग वाली कार

कारों में एयरबैगसड़क हादसों की संख्या में आई तेज़ी के चलते कार निर्माता सेफ्टी फीचर्स को लेकर काफी गंभीर दिख रहे हैं। कार निर्माताओं के साथ साथ सरकार भी इसे गंभीरता से ले रही है और नियमो में निरंतर सुधार कर रही है। हाल में लॉन्च हुई ज्यादातर कारों में एयरबैग जैसे महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर को स्टैंडर्ड फीचर के रूप में शामिल किया गया है।

ड्राइविंग के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से कार के एयरबैग का एक अहम रोल होता है। कार के एयरबैग से जुड़ी ऐसी कई अहम बातें हैं, जिनको जानना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। सुरक्षा के लिए ये ज़रूरी नहीं कि आपकी कार में कौन-कौन से फ़ीचर्स दिए गए हैं, बल्कि ये ज़्यादा ज़रूरी है कि जो फ़ीचर्स आपकी कार में दिए गए हैं वो ठीक तरीके से काम करते हैं या नहीं। नज़र डालते है कार के एयरबैग से जुड़ी कुछ अहम बातों पर।

कारों में एयरबैग की भी एक्सपायरी डेट होती है

हालांकि एयरबैग के फ़ंक्शन के लिए जिन पुर्ज़ों का इस्तेमाल किया जाता है, वह बेहद मज़बूत होते हैं, लेकिन कई कार निर्माता एयरबैग रिप्लेसमेंट के लिए एक समय सीमा तय करते हैं। ये बहुत हद तक एयरबैग इग्नाइटर पर निर्भर करता है।

SRS फंक्शन से लैस होती हैं ये कारें

जिन कारों में एयरबैग लगे होते हैं, उनमें एक डाइग्नोस्टिक सिस्टम लगा होता है, जिन्हें हम SRS (सप्लीमेंटल रिस्ट्रेंट सिस्टम) के नाम से जानते हैं। यह सिस्टम हमें बताता है कि हमारे कार में लगे एयरबैग ठीक तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं। इस सिस्टम को समझने का तरीका बेहद आसान है। जैसे ही आप अपनी कार स्टार्ट करते हैं, आपकी कार के मीटर में लगे SRS इंडिकेटर्स कुछ सेकेंड के लिए जल जाते हैं। अगर SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड्स के बाद ऑफ नहीं होते या फिर जलते रह जाते हैं तो समझ जाइए कि आपके एयरबैग में कोई ना कोई दिक्कत ज़रूर है।

सीट बेल्ट को न करे नज़रंदाज़

कार में लगी सीट बेल्ट का भी एयरबैग की फंक्शन से संबंध होता है। एयरबैग को बनाते वक्त इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि गाड़ी में बैठे आदमी ने सीट बेल्ट लगा रखा हो। इसलिए सिर्फ एयरबैग के भरोसे ना बैठें। गाड़ी में बैठते ही सीट बेल्ट जरूर लगाएं। टक्कर के बाद एयरबैग के खुलने की रफ्तार 322 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।

एयरबैग खुलने के बाद ऑथराइज्ड वर्कशॉप से ठीक करवाएं

अगर दुर्घटना या किसी और वजह से आपकी कार का एयरबैग खुल जाता है तो किसी ऑथराइज्ड वर्कशॉप में ही उसे ठीक करवाएं ताकि किसी भी तरह की चूक से बचा जा सके।

बच्चों को कभी ना बैठाएं एयरबैग के सामने

13 साल या उससे कम उम्र के बच्चों को आगे की सीट पर ना बैठाएं। उन्हें हमेशा पीछे की सीट पर बैठाएं। क्योंकि एयरबैग खुलने की स्थिति में बच्चे एयरबैग की चोट से गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं।

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