कश्‍मीर हिंसा में अब तक 36 की मौत, 25 से ज्‍यादा जख्‍मी

कश्‍मीर हिंसाश्रीनगर। आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद कश्‍मीर हिंसा में बुधवार को दो और युवकों की मौत हो गई। एक लापता युवक का शव बरामद हुआ तो दूसरे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 36 हो गई। घाटी के हर क्षेत्र में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इनमें एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों समेत 25 लोग जख्मी हुए।

हिंसक भीड़ ने कुजर-कुलगाम में आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मी गौहर तांत्रे के मकान को आग लगा दी। परिजनों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। प्रदर्शनकारियों ने लस्सीपोरा-पुलवामा में टेलीफोन एक्सचेंज को जलाने का प्रयास किया जबकि बांडीपोर में प्रतिबंधित ध्वज लहराए। पुलिस ने इनके पाकिस्तानी या आइएस के झंडे होने से इन्कार किया है।

प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर में लगातार पांचवें दिन कफ्यरू जारी रखने के अलावा श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लगा रखी है। उत्तरी कश्मीर के सोपोर, बांडीपोर, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, पलहालन में भी कर्फ्यू जारी है।

बीते शुक्रवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिब आतंकी बुरहान व उसके दो अन्य साथियों के मारे जाने के बाद से कश्मीर में हालात खराब हैं। आतंकी समर्थक जगह-जगह पुलिस व सुरक्षाबलों के प्रतिष्ठानों पर हमले कर उन्हें जलाने का प्रयास कर रहे हैं। बीते पांच दिन में पुलिस के चार थानों के अलावा एक दर्जन से यादा चौकियां जलाई जा चुकी हैं। कई सुरक्षा शिविरों को नुकसान पहुंचा है।

कश्‍मीर हिंसा अभी भी जारी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राय के मौजूदा हालात के लिए पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पुलिस को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात रखना चाहिए था, लेकिन यहां हालात ठीक होने का ड्रामा दिखाने के लिए पुलिस गाड़ियों में आम लोगों को मजार-ए-शौहदा पर लाया गया। नक्शबंद साहब में मजार-ए-शौहदा पर शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में 1931 के शहीदों को श्रद्घासुमन अर्पित करने के बाद पत्रकारों से उमर ने कहा कि हालात अत्यंत विस्फोटक हैं। 30 से ज्यादा नौजवान मारे गए हैं। इस हालात में भी पीडीपी ने ड्रामेबाजी की आदत नहीं छोड़ी तो वह कभी नहीं सुधर सकती। दिल्ली में बैठे लोगों को हालात सामान्य दिखाने का प्रयास किया जा रहा।

कश्‍मीर हिंसा पर मानवाधिकार संगठनों ने की जांच की मांग 

मानवाधिकारों के लिए कार्य करने वाली अमेरिकी संस्था ह्यूमन राइट वाच ने कश्मीर में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुए विरोध प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की मांग की है। संस्था की दक्षिण एशिया प्रमुख मीनाक्षी गांगुली के अनुसार इस तरह की जानकारी सामने आई है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग किया। मानवाधिकारों की चिंता नहीं की गई। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच की जरूरत है। गांगुली ने कहा है कि प्रदर्शन के दौरान पथराव गंभीर कृत्य है लेकिन इससे निपटने के लिए पुलिस को मनमानी कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती। संगठन ने भारत सरकार से जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

 

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